भजन संहिता 32:4
क्योंकि रात दिन मैं तेरे हाथ के नीचे दबा रहा; और मेरी तरावट धूप काल की सी झुर्राहट बनती गई॥
For | כִּ֤י׀ | kî | kee |
day | יוֹמָ֣ם | yômām | yoh-MAHM |
and night | וָלַיְלָה֮ | wālaylāh | va-lai-LA |
hand thy | תִּכְבַּ֥ד | tikbad | teek-BAHD |
was heavy | עָלַ֗י | ʿālay | ah-LAI |
upon | יָ֫דֶ֥ךָ | yādekā | YA-DEH-ha |
moisture my me: | נֶהְפַּ֥ךְ | nehpak | neh-PAHK |
is turned | לְשַׁדִּ֑י | lĕšaddî | leh-sha-DEE |
into the drought | בְּחַרְבֹ֖נֵי | bĕḥarbōnê | beh-hahr-VOH-nay |
of summer. | קַ֣יִץ | qayiṣ | KA-yeets |
Selah. | סֶֽלָה׃ | selâ | SEH-la |