भजन संहिता 143:6
मैं तेरी ओर अपने हाथ फैलाए हूए हूं; सूखी भूमि की नाईं मैं तेरा प्यासा हूं॥
I stretch forth | פֵּרַ֣שְׂתִּי | pēraśtî | pay-RAHS-tee |
my hands | יָדַ֣י | yāday | ya-DAI |
unto thee: | אֵלֶ֑יךָ | ʾēlêkā | ay-LAY-ha |
soul my | נַפְשִׁ֓י׀ | napšî | nahf-SHEE |
thirsteth after thee, as a thirsty | כְּאֶֽרֶץ | kĕʾereṣ | keh-EH-rets |
land. | עֲיֵפָ֖ה | ʿăyēpâ | uh-yay-FA |
Selah. | לְךָ֣ | lĕkā | leh-HA |
סֶֽלָה׃ | selâ | SEH-la |