भजन संहिता 131
1 हे यहोवा, न तो मेरा मन गर्व से और न मेरी दृष्टि घमण्ड से भरी है; और जो बातें बड़ी और मेरे लिये अधिक कठिन हैं, उन से मैं काम नहीं रखता।
2 निश्चय मैं ने अपने मन को शान्त और चुप कर दिया है, जैसे दूध छुड़ाया हुआ लड़का अपनी मां की गोद में रहता है, वैसे ही दूध छुड़ाए हुए लड़के के समान मेरा मन भी रहता है॥
3 हे इस्राएल, अब से लेकर सदा सर्वदा यहोवा ही पर आशा लगाए रह!
1 A Song of degrees of David.
2 Lord, my heart is not haughty, nor mine eyes lofty: neither do I exercise myself in great matters, or in things too high for me.
3 Surely I have behaved and quieted myself, as a child that is weaned of his mother: my soul is even as a weaned child.
4 Let Israel hope in the Lord from henceforth and for ever.