भजन संहिता 124
1 इस्राएल यह कहे, कि यदि हमारी ओर यहोवा न होता,
2 यदि यहोवा उस समय हमारी ओर न होता जब मनुष्यों ने हम पर चढ़ाई की,
3 तो वे हम को उसी समय जीवित निगल जाते, जब उनका क्रोध हम पर भड़का था,
4 हम उसी समय जल में डूब जाते और धारा में बह जाते;
5 उमड़ते जल में हम उसी समय ही बह जाते॥
6 धन्य है यहोवा, जिसने हम को उनके दातों तले जाने न दिया!
7 हमार जीव पक्षी की नाईं चिड़ीमार के जाल से छूट गया; जाल फट गया, हम बच निकले!
8 यहोवा जो आकाश और पृथ्वी का कर्ता है, हमारी सहायता उसी के नाम से होती है।
1 A Song of degrees of David.
2 If it had not been the Lord who was on our side, now may Israel say;
3 If it had not been the Lord who was on our side, when men rose up against us:
4 Then they had swallowed us up quick, when their wrath was kindled against us:
5 Then the waters had overwhelmed us, the stream had gone over our soul:
6 Then the proud waters had gone over our soul.
7 Blessed be the Lord, who hath not given us as a prey to their teeth.
8 Our soul is escaped as a bird out of the snare of the fowlers: the snare is broken, and we are escaped.
9 Our help is in the name of the Lord, who made heaven and earth.