भजन संहिता 1:1
क्या ही धन्य है वह पुरूष जो दुष्टों की युक्ति पर नहीं चलता, और न पापियों के मार्ग में खड़ा होता; और न ठट्ठा करने वालों की मण्डली में बैठता है!
Blessed | אַ֥שְֽׁרֵי | ʾašrê | ASH-ray |
is the man | הָאִ֗ישׁ | hāʾîš | ha-EESH |
that | אֲשֶׁ֤ר׀ | ʾăšer | uh-SHER |
walketh | לֹ֥א | lōʾ | loh |
not | הָלַךְ֮ | hālak | ha-lahk |
counsel the in | בַּעֲצַ֪ת | baʿăṣat | ba-uh-TSAHT |
of the ungodly, | רְשָׁ֫עִ֥ים | rĕšāʿîm | reh-SHA-EEM |
nor | וּבְדֶ֣רֶךְ | ûbĕderek | oo-veh-DEH-rek |
standeth | חַ֭טָּאִים | ḥaṭṭāʾîm | HA-ta-eem |
in the way | לֹ֥א | lōʾ | loh |
of sinners, | עָמָ֑ד | ʿāmād | ah-MAHD |
nor | וּבְמוֹשַׁ֥ב | ûbĕmôšab | oo-veh-moh-SHAHV |
sitteth | לֵ֝צִ֗ים | lēṣîm | LAY-TSEEM |
in the seat | לֹ֣א | lōʾ | loh |
of the scornful. | יָשָֽׁב׃ | yāšāb | ya-SHAHV |