नीतिवचन 12:14
सज्जन अपने वचनों के फल के द्वारा भलाई से तृप्त होता है, और जैसी जिसकी करनी वैसी उसकी भरनी होती है।
A man | מִפְּרִ֣י | mippĕrî | mee-peh-REE |
shall be satisfied | פִי | pî | fee |
good with | אִ֭ישׁ | ʾîš | eesh |
by the fruit | יִשְׂבַּע | yiśbaʿ | yees-BA |
mouth: his of | ט֑וֹב | ṭôb | tove |
and the recompence | וּגְמ֥וּל | ûgĕmûl | oo-ɡeh-MOOL |
man's a of | יְדֵי | yĕdê | yeh-DAY |
hands | אָ֝דָ֗ם | ʾādām | AH-DAHM |
shall be rendered | יָשִׁ֥וב | yāšiwb | ya-SHEEV-v |
unto him. | לֽוֹ׃ | lô | loh |