अय्यूब 15:5
तू अपने मुंह से अपना अधर्म प्रगट करता है, और धूर्त्त लोगों के बोलने की रीति पर बोलता है।
Cross Reference
व्यवस्थाविवरण 24:6
कोई मनुष्य चक्की को वा उसके ऊपर के पाट को बन्धक न रखे; क्योंकि वह तो मानों प्राण ही को बन्धक रखना है॥
व्यवस्थाविवरण 24:10
जब तू अपने किसी भाई को कुछ उधार दे, तब बन्धक की वस्तु लेने के लिये उसके घर के भीतर न घुसना।
व्यवस्थाविवरण 24:17
किसी परदेशी मनुष्य वा अनाथ बालक का न्याय न बिगाड़ना, और न किसी विधवा के कपड़े को बन्धक रखना;
1 शमूएल 12:3
मैं उपस्थित हूं; इसलिये तुम यहोवा के साम्हने, और उसके अभिषिक्त के सामने मुझ पर साक्षी दो, कि मैं ने किस का बैल ले लिया? वा किस का गदहा ले लियो? वा किस पर अन्धेर किया? वा किस को पीसा? वा किस के हाथ से अपनी आंखें बन्द करने के लिये घूस लिया? बताओ, और मैं वह तुम को फेर दूंगा?
अय्यूब 22:6
तू ने तो अपने भाई का बन्धक अकारण रख लिया है, और नंगे के वस्त्र उतार लिये हैं।
अय्यूब 31:16
यदि मैं ने कंगालों की इच्छा पूरी न की हो, वा मेरे कारण विधवा की आंखें कभी रह गई हों,
For | כִּ֤י | kî | kee |
thy mouth | יְאַלֵּ֣ף | yĕʾallēp | yeh-ah-LAFE |
uttereth | עֲוֺנְךָ֣ | ʿăwōnĕkā | uh-voh-neh-HA |
thine iniquity, | פִ֑יךָ | pîkā | FEE-ha |
choosest thou and | וְ֝תִבְחַ֗ר | wĕtibḥar | VEH-teev-HAHR |
the tongue | לְשׁ֣וֹן | lĕšôn | leh-SHONE |
of the crafty. | עֲרוּמִֽים׃ | ʿărûmîm | uh-roo-MEEM |
Cross Reference
व्यवस्थाविवरण 24:6
कोई मनुष्य चक्की को वा उसके ऊपर के पाट को बन्धक न रखे; क्योंकि वह तो मानों प्राण ही को बन्धक रखना है॥
व्यवस्थाविवरण 24:10
जब तू अपने किसी भाई को कुछ उधार दे, तब बन्धक की वस्तु लेने के लिये उसके घर के भीतर न घुसना।
व्यवस्थाविवरण 24:17
किसी परदेशी मनुष्य वा अनाथ बालक का न्याय न बिगाड़ना, और न किसी विधवा के कपड़े को बन्धक रखना;
1 शमूएल 12:3
मैं उपस्थित हूं; इसलिये तुम यहोवा के साम्हने, और उसके अभिषिक्त के सामने मुझ पर साक्षी दो, कि मैं ने किस का बैल ले लिया? वा किस का गदहा ले लियो? वा किस पर अन्धेर किया? वा किस को पीसा? वा किस के हाथ से अपनी आंखें बन्द करने के लिये घूस लिया? बताओ, और मैं वह तुम को फेर दूंगा?
अय्यूब 22:6
तू ने तो अपने भाई का बन्धक अकारण रख लिया है, और नंगे के वस्त्र उतार लिये हैं।
अय्यूब 31:16
यदि मैं ने कंगालों की इच्छा पूरी न की हो, वा मेरे कारण विधवा की आंखें कभी रह गई हों,