यशायाह 9:1
तौभी संकट-भरा अन्धकार जाता रहेगा। पहिले तो उसने जबूलून और नप्ताली के देशों का अपमान किया, परन्तु अन्तिम दिनों में ताल की ओर यरदन के पार की अन्यजातियों के गलील को महिमा देगा।
Nevertheless | כִּ֣י | kî | kee |
the dimness | לֹ֣א | lōʾ | loh |
shall not | מוּעָף֮ | mûʿāp | moo-AF |
as such be | לַאֲשֶׁ֣ר | laʾăšer | la-uh-SHER |
was in her vexation, | מוּצָ֣ק | mûṣāq | moo-TSAHK |
when | לָהּ֒ | lāh | la |
at the first | כָּעֵ֣ת | kāʿēt | ka-ATE |
afflicted lightly he | הָרִאשׁ֗וֹן | hāriʾšôn | ha-ree-SHONE |
the land | הֵקַ֞ל | hēqal | hay-KAHL |
of Zebulun | אַ֤רְצָה | ʾarṣâ | AR-tsa |
land the and | זְבֻלוּן֙ | zĕbulûn | zeh-voo-LOON |
of Naphtali, | וְאַ֣רְצָה | wĕʾarṣâ | veh-AR-tsa |
and afterward | נַפְתָּלִ֔י | naptālî | nahf-ta-LEE |
afflict grievously more did | וְהָאַחֲר֖וֹן | wĕhāʾaḥărôn | veh-ha-ah-huh-RONE |
way the by her | הִכְבִּ֑יד | hikbîd | heek-BEED |
of the sea, | דֶּ֤רֶךְ | derek | DEH-rek |
beyond | הַיָּם֙ | hayyām | ha-YAHM |
Jordan, | עֵ֣בֶר | ʿēber | A-ver |
in Galilee | הַיַּרְדֵּ֔ן | hayyardēn | ha-yahr-DANE |
of the nations. | גְּלִ֖יל | gĕlîl | ɡeh-LEEL |
הַגּוֹיִֽם׃ | haggôyim | ha-ɡoh-YEEM |