यशायाह 43:4
मेरी दृष्टि में तू अनमोल और प्रतिष्ठित ठहरा है और मैं तुझ से प्रेम रखता हूं, इस कारण मैं तेरी सन्ती मनुष्यों को और तेरे प्राण के बदले में राज्य राज्य के लोगों को दे दूंगा।
Since | מֵאֲשֶׁ֨ר | mēʾăšer | may-uh-SHER |
thou wast precious | יָקַ֧רְתָּ | yāqartā | ya-KAHR-ta |
in my sight, | בְעֵינַ֛י | bĕʿênay | veh-ay-NAI |
honourable, been hast thou | נִכְבַּ֖דְתָּ | nikbadtā | neek-BAHD-ta |
and I | וַאֲנִ֣י | waʾănî | va-uh-NEE |
loved have | אֲהַבְתִּ֑יךָ | ʾăhabtîkā | uh-hahv-TEE-ha |
thee: therefore will I give | וְאֶתֵּ֤ן | wĕʾettēn | veh-eh-TANE |
men | אָדָם֙ | ʾādām | ah-DAHM |
for | תַּחְתֶּ֔יךָ | taḥtêkā | tahk-TAY-ha |
thee, and people | וּלְאֻמִּ֖ים | ûlĕʾummîm | oo-leh-oo-MEEM |
for | תַּ֥חַת | taḥat | TA-haht |
thy life. | נַפְשֶֽׁךָ׃ | napšekā | nahf-SHEH-ha |