यशायाह 28:23
कान लगाकर मेरी सुनो, ध्यान धरकर मेरा वचन सुनो।
Give ye ear, | הַאֲזִ֥ינוּ | haʾăzînû | ha-uh-ZEE-noo |
and hear | וְשִׁמְע֖וּ | wĕšimʿû | veh-sheem-OO |
voice; my | קוֹלִ֑י | qôlî | koh-LEE |
hearken, | הַקְשִׁ֥יבוּ | haqšîbû | hahk-SHEE-voo |
and hear | וְשִׁמְע֖וּ | wĕšimʿû | veh-sheem-OO |
my speech. | אִמְרָתִֽי׃ | ʾimrātî | eem-ra-TEE |
Cross Reference
व्यवस्थाविवरण 32:1
हे आकाश, कान लगा, कि मैं बोलूं; और हे पृथ्वी, मेरे मुंह की बातें सुन॥
यशायाह 1:2
हे स्वर्ग सुन, और हे पृथ्वी कान लगा; क्योंकि यहोवा कहता है: मैं ने बाल-बच्चों का पालन पोषण किया, और उन को बढ़ाया भी, परन्तु उन्होंने मुझ से बलवा किया।
यिर्मयाह 22:29
हे पृथ्वी, पृथ्वी, हे पृथ्वी, यहोवा का वचन सुन!
प्रकाशित वाक्य 2:7
जिस के कान हों, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है: जो जय पाए, मैं उसे उस जीवन के पेड़ में से जो परमेश्वर के स्वर्गलोक में है, फल खाने को दूंगा॥
प्रकाशित वाक्य 2:11
जिस के कान हों, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है: जो जय पाए, उस को दूसरी मृत्यु से हानि न पहुंचेगी॥
प्रकाशित वाक्य 2:14
पर मुझे तेरे विरूद्ध कुछ बातें कहनी हैं, क्योंकि तेरे यहां कितने तो ऐसे हैं, जो बिलाम की शिक्षा को मानते हैं, जिस ने बालाक को इस्त्राएलियों के आगे ठोकर का कारण रखना सिखाया, कि वे मूरतों के बलिदान खाएं, और व्यभिचार करें।
प्रकाशित वाक्य 2:29
जिस के कान हों, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है॥