यशायाह 21:3
इस कारण मेरी कटि में कठिन पीड़ा है; मुझ को मानो जच्चा पीडें हो रही है; मैं ऐसे संकट में पड़ गया हूं कि कुछ सुनाईं नहीं देता, मैं ऐसा घबरा गया हूं कि कुछ दिखाई नहीं देता।
Therefore | עַל | ʿal | al |
כֵּ֗ן | kēn | kane | |
are my loins | מָלְא֤וּ | molʾû | mole-OO |
filled | מָתְנַי֙ | motnay | mote-NA |
with pain: | חַלְחָלָ֔ה | ḥalḥālâ | hahl-ha-LA |
pangs | צִירִ֣ים | ṣîrîm | tsee-REEM |
hold taken have | אֲחָז֔וּנִי | ʾăḥāzûnî | uh-ha-ZOO-nee |
upon me, as the pangs | כְּצִירֵ֖י | kĕṣîrê | keh-tsee-RAY |
travaileth: that woman a of | יֽוֹלֵדָ֑ה | yôlēdâ | yoh-lay-DA |
down bowed was I | נַעֲוֵ֣יתִי | naʿăwêtî | na-uh-VAY-tee |
at the hearing | מִשְּׁמֹ֔עַ | miššĕmōaʿ | mee-sheh-MOH-ah |
dismayed was I it; of | נִבְהַ֖לְתִּי | nibhaltî | neev-HAHL-tee |
at the seeing | מֵרְאֽוֹת׃ | mērĕʾôt | may-reh-OTE |