यशायाह 17:12
हाय, हाय! देश देश के बहुत से लोगों का कैसा नाद हो रहा है, वे समुद्र की लहरों की नाईं गरजते हैं। राज्य राज्य के लोगों का कैसा गर्जन हो रहा है, वे प्रचण्ड धारा के समान नाद करते हैं!
Woe | ה֗וֹי | hôy | hoy |
to the multitude | הֲמוֹן֙ | hămôn | huh-MONE |
of many | עַמִּ֣ים | ʿammîm | ah-MEEM |
people, | רַבִּ֔ים | rabbîm | ra-BEEM |
noise a make which | כַּהֲמ֥וֹת | kahămôt | ka-huh-MOTE |
like the noise | יַמִּ֖ים | yammîm | ya-MEEM |
seas; the of | יֶהֱמָי֑וּן | yehĕmāyûn | yeh-hay-ma-YOON |
and to the rushing | וּשְׁא֣וֹן | ûšĕʾôn | oo-sheh-ONE |
of nations, | לְאֻמִּ֔ים | lĕʾummîm | leh-oo-MEEM |
rushing a make that | כִּשְׁא֛וֹן | kišʾôn | keesh-ONE |
like the rushing | מַ֥יִם | mayim | MA-yeem |
of mighty | כַּבִּירִ֖ים | kabbîrîm | ka-bee-REEM |
waters! | יִשָּׁאֽוּן׃ | yiššāʾûn | yee-sha-OON |