सभोपदेशक 5:7
क्योंकि स्वप्नों की अधिकता से व्यर्थ बातों की बहुतायत होती है: परन्तु तू परमेश्वर को भय मानना॥
For | כִּ֣י | kî | kee |
in the multitude | בְרֹ֤ב | bĕrōb | veh-ROVE |
dreams of | חֲלֹמוֹת֙ | ḥălōmôt | huh-loh-MOTE |
and many | וַהֲבָלִ֔ים | wahăbālîm | va-huh-va-LEEM |
words | וּדְבָרִ֖ים | ûdĕbārîm | oo-deh-va-REEM |
vanities: divers also are there | הַרְבֵּ֑ה | harbē | hahr-BAY |
but | כִּ֥י | kî | kee |
fear | אֶת | ʾet | et |
thou | הָאֱלֹהִ֖ים | hāʾĕlōhîm | ha-ay-loh-HEEM |
God. | יְרָֽא׃ | yĕrāʾ | yeh-RA |