व्यवस्थाविवरण 33:20
फिर गाद के विषय में उसने कहा, धन्य वह है जो गाद को बढ़ाता है! गाद तो सिंहनी के समान रहता है, और बांह को, वरन सिर के चांद तक को फाड़ डालता है॥
And of Gad | וּלְגָ֣ד | ûlĕgād | oo-leh-ɡAHD |
he said, | אָמַ֔ר | ʾāmar | ah-MAHR |
Blessed | בָּר֖וּךְ | bārûk | ba-ROOK |
enlargeth that he be | מַרְחִ֣יב | marḥîb | mahr-HEEV |
Gad: | גָּ֑ד | gād | ɡahd |
he dwelleth | כְּלָבִ֣יא | kĕlābîʾ | keh-la-VEE |
lion, a as | שָׁכֵ֔ן | šākēn | sha-HANE |
and teareth | וְטָרַ֥ף | wĕṭārap | veh-ta-RAHF |
the arm | זְר֖וֹעַ | zĕrôaʿ | zeh-ROH-ah |
with | אַף | ʾap | af |
the crown of the head. | קָדְקֹֽד׃ | qodqōd | kode-KODE |