व्यवस्थाविवरण 20:5
फिर सरदार सिपाहियों से यह कहें, कि तुम में से कौन है जिसने नया घर बनाया हो और उसका समर्पण न किया हो? तो वह अपने घर को लौट जाए, कहीं ऐसा ना हो कि वह युद्ध में मर जाए और दूसरा मनुष्य उसका समर्पण करे।
And the officers | וְדִבְּר֣וּ | wĕdibbĕrû | veh-dee-beh-ROO |
shall speak | הַשֹּֽׁטְרִים֮ | haššōṭĕrîm | ha-shoh-teh-REEM |
unto | אֶל | ʾel | el |
the people, | הָעָ֣ם | hāʿām | ha-AM |
saying, | לֵאמֹר֒ | lēʾmōr | lay-MORE |
What | מִֽי | mî | mee |
man | הָאִ֞ישׁ | hāʾîš | ha-EESH |
is there that | אֲשֶׁ֨ר | ʾăšer | uh-SHER |
hath built | בָּנָ֤ה | bānâ | ba-NA |
a new | בַֽיִת | bayit | VA-yeet |
house, | חָדָשׁ֙ | ḥādāš | ha-DAHSH |
not hath and | וְלֹ֣א | wĕlōʾ | veh-LOH |
dedicated | חֲנָכ֔וֹ | ḥănākô | huh-na-HOH |
go him let it? | יֵלֵ֖ךְ | yēlēk | yay-LAKE |
and return | וְיָשֹׁ֣ב | wĕyāšōb | veh-ya-SHOVE |
to his house, | לְבֵית֑וֹ | lĕbêtô | leh-vay-TOH |
lest | פֶּן | pen | pen |
he die | יָמוּת֙ | yāmût | ya-MOOT |
in the battle, | בַּמִּלְחָמָ֔ה | bammilḥāmâ | ba-meel-ha-MA |
another and | וְאִ֥ישׁ | wĕʾîš | veh-EESH |
man | אַחֵ֖ר | ʾaḥēr | ah-HARE |
dedicate | יַחְנְכֶֽנּוּ׃ | yaḥnĕkennû | yahk-neh-HEH-noo |