व्यवस्थाविवरण 19:15
किसी मनुष्य के विरुद्ध किसी प्रकार के अधर्म वा पाप के विषय में, चाहे उसका पाप कैसा ही क्यों न हो, एक ही जन की साक्षी न सुनना, परन्तु दो वा तीन साक्षीयों के कहने से बात पक्की ठहरे।
One | לֹֽא | lōʾ | loh |
witness | יָקוּם֩ | yāqûm | ya-KOOM |
shall not | עֵ֨ד | ʿēd | ade |
up rise | אֶחָ֜ד | ʾeḥād | eh-HAHD |
against a man | בְּאִ֗ישׁ | bĕʾîš | beh-EESH |
any for | לְכָל | lĕkāl | leh-HAHL |
iniquity, | עָוֹן֙ | ʿāwōn | ah-ONE |
or for any | וּלְכָל | ûlĕkāl | oo-leh-HAHL |
sin, | חַטָּ֔את | ḥaṭṭāt | ha-TAHT |
in any | בְּכָל | bĕkāl | beh-HAHL |
sin | חֵ֖טְא | ḥēṭĕʾ | HAY-teh |
that | אֲשֶׁ֣ר | ʾăšer | uh-SHER |
sinneth: he | יֶֽחֱטָ֑א | yeḥĕṭāʾ | yeh-hay-TA |
at | עַל | ʿal | al |
the mouth | פִּ֣י׀ | pî | pee |
two of | שְׁנֵ֣י | šĕnê | sheh-NAY |
witnesses, | עֵדִ֗ים | ʿēdîm | ay-DEEM |
or | א֛וֹ | ʾô | oh |
at | עַל | ʿal | al |
mouth the | פִּ֥י | pî | pee |
of three | שְׁלֹשָֽׁה | šĕlōšâ | sheh-loh-SHA |
witnesses, | עֵדִ֖ים | ʿēdîm | ay-DEEM |
shall the matter | יָק֥וּם | yāqûm | ya-KOOM |
be established. | דָּבָֽר׃ | dābār | da-VAHR |