Matthew 20:18
कि देखो, हम यरूशलेम को जाते हैं; और मनुष्य का पुत्र महायाजकों और शास्त्रियों के हाथ पकड़वाया जाएगा और वे उस को घात के योग्य ठहराएंगे।
Matthew 20:18 in Other Translations
King James Version (KJV)
Behold, we go up to Jerusalem; and the Son of man shall be betrayed unto the chief priests and unto the scribes, and they shall condemn him to death,
American Standard Version (ASV)
Behold, we go up to Jerusalem; and the Son of man shall be delivered unto the chief priests and scribes; and they shall condemn him to death,
Bible in Basic English (BBE)
See, we go up to Jerusalem; and the Son of man will be given into the hands of the chief priests and scribes; and they will give orders for him to be put to death,
Darby English Bible (DBY)
Behold we go up to Jerusalem, and the Son of man will be delivered up to the chief priests and scribes, and they will condemn him to death;
World English Bible (WEB)
"Behold, we are going up to Jerusalem, and the Son of Man will be delivered to the chief priests and scribes, and they will condemn him to death,
Young's Literal Translation (YLT)
`Lo, we go up to Jerusalem, and the Son of Man shall be delivered to the chief priests and scribes,
| Behold, | Ἰδού, | idou | ee-THOO |
| we go up | ἀναβαίνομεν | anabainomen | ah-na-VAY-noh-mane |
| to | εἰς | eis | ees |
| Jerusalem; | Ἱεροσόλυμα | hierosolyma | ee-ay-rose-OH-lyoo-ma |
| and | καὶ | kai | kay |
| the | ὁ | ho | oh |
| Son | υἱὸς | huios | yoo-OSE |
| τοῦ | tou | too | |
| of man | ἀνθρώπου | anthrōpou | an-THROH-poo |
| shall be betrayed | παραδοθήσεται | paradothēsetai | pa-ra-thoh-THAY-say-tay |
| chief the unto | τοῖς | tois | toos |
| priests | ἀρχιερεῦσιν | archiereusin | ar-hee-ay-RAYF-seen |
| and | καὶ | kai | kay |
| unto the scribes, | γραμματεῦσιν | grammateusin | grahm-ma-TAYF-seen |
| and | καὶ | kai | kay |
| they shall condemn | κατακρινοῦσιν | katakrinousin | ka-ta-kree-NOO-seen |
| him | αὐτὸν | auton | af-TONE |
| to death, | θανάτῳ | thanatō | tha-NA-toh |
Cross Reference
मत्ती 16:21
उस समय से यीशु अपने चेलों को बताने लगा, कि मुझे अवश्य है, कि यरूशलेम को जाऊं, और पुरनियों और महायाजकों और शास्त्रियों के हाथ से बहुत दुख उठाऊं; और मार डाला जाऊं; और तीसरे दिन जी उठूं।
मत्ती 27:1
जब भोर हुई, तो सब महायाजकों और लोगों के पुरनियों ने यीशु के मार डालने की सम्मति की।
मत्ती 26:66
देखो, तुम ने अभी यह निन्दा सुनी है! तुम क्या समझते हो? उन्होंने उत्तर दिया, यह वध होने के योग्य है।
प्रेरितों के काम 4:27
क्योंकि सचमुच तेरे सेवक यीशु के विरोध में, जिस तू ने अभिषेक किया, हेरोदेस और पुन्तियुस पीलातुस भी अन्य जातियों और इस्त्राएलियों के साथ इस नगर में इकट्ठे हुए।
प्रेरितों के काम 2:23
उसी को, जब वह परमेश्वर की ठहराई हुई मनसा और होनहार के ज्ञान के अनुसार पकड़वाया गया, तो तुम ने अधमिर्यों के हाथ से उसे क्रूस पर चढ़वा कर मार डाला।
लूका 22:71
तब उन्होंने कहा; अब हमें गवाही का क्या प्रयोजन है; क्योंकि हम ने आप ही उसके मुंह से सुन लिया है॥
मरकुस 14:64
तुम ने यह निन्दा सुनी: तुम्हारी क्या राय है? उन सब ने कहा, वह वध के योग्य है।
मत्ती 26:2
तुम जानते हो, कि दो दिन के बाद फसह का पर्व्व होगा; और मनुष्य का पुत्र क्रूस पर चढ़ाए जाने के लिये पकड़वाया जाएगा।
मत्ती 17:22
और वे उसे मार डालेंगे, और वह तीसरे दिन जी उठेगा।
दानिय्येल 9:24
तेरे लोगों और तेरे पवित्र नगर के लिये सत्तर सप्ताह ठहराए गए हैं कि उनके अन्त तक अपराध का होना बन्द हो, और पापों को अन्त और अधर्म का प्रायश्चित्त किया जाए, और युगयुग की धामिर्कता प्रगट होए; और दर्शन की बात पर और भविष्यवाणी पर छाप दी जाए, और परमपवित्र का अभिषेक किया जाए।
यशायाह 53:1
जो समाचार हमें दिया गया, उसका किस ने विश्वास किया? और यहोवा का भुजबल किस पर प्रगट हुआ?
भजन संहिता 69:1
हे परमेश्वर, मेरा उद्धार कर, मैं जल में डूबा जाता हूं।
भजन संहिता 22:1
हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया? तू मेरी पुकार से और मेरी सहायता करने से क्यों दूर रहता है? मेरा उद्धार कहां है?
भजन संहिता 2:1
जाति जाति के लोग क्यों हुल्लड़ मचाते हैं, और देश देश के लोग व्यर्थ बातें क्यों सोच रहे हैं?