Job 7:11
इसलिये मैं अपना मुंह बन्द न रखूंगा; अपने मन का खेद खोल कर कहूंगा; और अपने जीव की कड़ुवाहट के कारण कुड़कुड़ाता रहूंगा।
Job 7:11 in Other Translations
King James Version (KJV)
Therefore I will not refrain my mouth; I will speak in the anguish of my spirit; I will complain in the bitterness of my soul.
American Standard Version (ASV)
Therefore I will not refrain my mouth; I will speak in the anguish of my spirit; I will complain in the bitterness of my soul.
Bible in Basic English (BBE)
So I will not keep my mouth shut; I will let the words come from it in the pain of my spirit, my soul will make a bitter outcry.
Darby English Bible (DBY)
Therefore I will not restrain my mouth: I will speak in the anguish of my spirit; I will complain in the bitterness of my soul.
Webster's Bible (WBT)
Therefore I will not restrain my mouth; I will speak in the anguish of my spirit; I will complain in the bitterness of my soul.
World English Bible (WEB)
"Therefore I will not keep silent. I will speak in the anguish of my spirit. I will complain in the bitterness of my soul.
Young's Literal Translation (YLT)
Also I -- I withhold not my mouth -- I speak in the distress of my spirit, I talk in the bitterness of my soul.
| Therefore | גַּם | gam | ɡahm |
| I | אֲנִי֮ | ʾăniy | uh-NEE |
| will not | לֹ֤א | lōʾ | loh |
| refrain | אֶחֱשָׂ֫ךְ | ʾeḥĕśāk | eh-hay-SAHK |
| mouth; my | פִּ֥י | pî | pee |
| I will speak | אֲֽ֭דַבְּרָה | ʾădabbĕrâ | UH-da-beh-ra |
| anguish the in | בְּצַ֣ר | bĕṣar | beh-TSAHR |
| of my spirit; | רוּחִ֑י | rûḥî | roo-HEE |
| complain will I | אָ֝שִׂ֗יחָה | ʾāśîḥâ | AH-SEE-ha |
| in the bitterness | בְּמַ֣ר | bĕmar | beh-MAHR |
| of my soul. | נַפְשִֽׁי׃ | napšî | nahf-SHEE |
Cross Reference
भजन संहिता 40:9
मैं ने बड़ी सभा में धर्म के शुभ समाचार का प्रचार किया है; देख, मैं ने अपना मुंह बन्द नहीं किया हे यहोवा, तू इसे जानता है।
अय्यूब 10:1
मेरा प्राण जीवित रहने से उकताता है; मैं स्वतंत्रता पूर्वक कुड़कुड़ाऊंगा; और मैं अपने मन की कड़वाहट के मारे बातें करूंगा।
1 शमूएल 1:10
और यह मन में व्याकुल हो कर यहोवा से प्रार्थना करने और बिलख बिलखकर रोने लगी।
यशायाह 38:15
मैं क्या कहूं? उसी ने मुझ से प्रतिज्ञा की और पूरा भी किया है। मैं जीवन भर कडुआहट के साथ धीरे धीरे चलता रहूंगा॥
अय्यूब 21:25
और कोई अपने जीव में कुढ़ कुढ़कर बिना सुख भोगे मर जाता है।
2 कुरिन्थियों 2:4
बड़े क्लेश, और मन के कष्ट से, मैं ने बहुत से आंसु बहा बहाकर तुम्हें लिखा, इसलिये नहीं, कि तुम उदास हो, परन्तु इसलिये कि तुम उस बड़े प्रेम को जान लो, जो मुझे तुम से है॥
लूका 22:44
और वह अत्यन्त संकट में व्याकुल होकर और भी ह्रृदय वेदना से प्रार्थना करने लगा; और उसका पसीना मानो लोहू की बड़ी बड़ी बून्दों की नाईं भूमि पर गिर रहा था।
मत्ती 26:37
और वह पतरस और जब्दी के दोनों पुत्रों को साथ ले गया, और उदास और व्याकुल होने लगा।
यशायाह 38:17
देख, शान्ति ही के लिये मुझे बड़ी कडुआहट मिली; परन्तु तू ने स्नेह कर के मुझे विनाश के गड़हे से निकाला है, क्योंकि मेरे सब पापों को तू ने अपनी पीठ के पीछे फेंक दिया है।
भजन संहिता 39:3
मेरा हृदय अन्दर ही अन्दर जल रहा था। सोचते सोचते आग भड़क उठी; तब मैं अपनी जीभ से बोल उठा;
अय्यूब 21:3
मेरी कुछ तो सहो, कि मैं भी बातें करूं; और जब मैं बातें कर चुकूं, तब पीछे ठट्ठा करना।
अय्यूब 16:6
चाहे मैं बोलूं तौभी मेरा शोक न घटेगा, चाहे मैं चुप रहूं, तौभी मेरा दु:ख कुछ कम न होगा।
अय्यूब 13:13
मुझ से बात करना छोड़ो, कि मैं भी कुछ कहने पाऊं; फिर मुझ पर जो चाहे वह आ पड़े।
अय्यूब 10:15
जो मैं दुष्टता करूं तो मुझ पर हाय! और जो मैं धमीं बनूं तौभी मैं सिर न उठाऊंगा, क्योंकि मैं अपमान से भरा हुआ हूं और अपने दु:ख पर ध्यान रखता हूँ।
अय्यूब 6:26
क्या तुम बातें पकड़ने की कल्पना करते हो? निराश जन की बातें तो वायु की सी हैं।
2 राजा 4:27
वह पहाड़ पर परमेश्वर के भक्त के पास पहुंची, और उसके पांव पकड़ने लगी, तब गेहजी उसके पास गया, कि उसे धक्का देकर हटाए, परन्तु परमेश्वर के भक्त ने कहा, उसे छोड़ दे, उसका मन व्याकुल है; परन्तु यहोवा ने मुझ को नहीं बताया, छिपा ही रखा है।
उत्पत्ति 42:21
उन्होंने आपस में कहा, नि:स्न्देह हम अपने भाई के विषय में दोषी हैं, क्योंकि जब उसने हम से गिड़गिड़ा के बिनती की, तौभी हम ने यह देखकर, कि उसका जीवन कैसे संकट में पड़ा है, उसकी न सुनी; इसी कारण हम भी अब इस संकट में पड़े हैं।