2 इतिहास 1:11
परमेश्वर ने सुलैमान से कहा, तेरी जो ऐसी ही मनसा हुई, अर्थात तू ने न तो धन सम्पत्ति मांगी है, न ऐश्वर्य और न अपने बैरियों का प्राण और न अपनी दीर्घायु मांगी, केवल बुद्धि और ज्ञान का वर मांगा है, जिस से तू मेरी प्रजा का जिसके ऊपर मैं ने तुझे राजा नियुक्त किया है, न्याय कर सके,
And God | וַיֹּ֣אמֶר | wayyōʾmer | va-YOH-mer |
said | אֱלֹהִ֣ים׀ | ʾĕlōhîm | ay-loh-HEEM |
to Solomon, | לִשְׁלֹמֹ֡ה | lišlōmō | leesh-loh-MOH |
Because | יַ֣עַן | yaʿan | YA-an |
אֲשֶׁר֩ | ʾăšer | uh-SHER | |
this | הָֽיְתָ֨ה | hāyĕtâ | ha-yeh-TA |
was | זֹ֜את | zōt | zote |
in | עִם | ʿim | eem |
thine heart, | לְבָבֶ֗ךָ | lĕbābekā | leh-va-VEH-ha |
not hast thou and | וְלֹֽא | wĕlōʾ | veh-LOH |
asked | שָׁ֠אַלְתָּ | šāʾaltā | SHA-al-ta |
riches, | עֹ֣שֶׁר | ʿōšer | OH-sher |
wealth, | נְכָסִ֤ים | nĕkāsîm | neh-ha-SEEM |
honour, or | וְכָבוֹד֙ | wĕkābôd | veh-ha-VODE |
nor the life | וְאֵת֙ | wĕʾēt | veh-ATE |
of thine enemies, | נֶ֣פֶשׁ | nepeš | NEH-fesh |
neither | שֹֽׂנְאֶ֔יךָ | śōnĕʾêkā | soh-neh-A-ha |
yet | וְגַם | wĕgam | veh-ɡAHM |
hast asked | יָמִ֥ים | yāmîm | ya-MEEM |
long | רַבִּ֖ים | rabbîm | ra-BEEM |
life; | לֹ֣א | lōʾ | loh |
asked hast but | שָׁאָ֑לְתָּ | šāʾālĕttā | sha-AH-leh-ta |
wisdom | וַתִּֽשְׁאַל | wattišĕʾal | va-TEE-sheh-al |
and knowledge | לְךָ֙ | lĕkā | leh-HA |
that thyself, for | חָכְמָ֣ה | ḥokmâ | hoke-MA |
thou mayest judge | וּמַדָּ֔ע | ûmaddāʿ | oo-ma-DA |
אֲשֶׁ֤ר | ʾăšer | uh-SHER | |
my people, | תִּשְׁפּוֹט֙ | tišpôṭ | teesh-POTE |
over | אֶת | ʾet | et |
whom | עַמִּ֔י | ʿammî | ah-MEE |
I have made thee king: | אֲשֶׁ֥ר | ʾăšer | uh-SHER |
הִמְלַכְתִּ֖יךָ | himlaktîkā | heem-lahk-TEE-ha | |
עָלָֽיו׃ | ʿālāyw | ah-LAIV |