1 शमूएल 28:15
शमूएल ने शाऊल से पूछा, तू ने मुझे ऊपर बुलवाकर क्यों सताया है? शाऊल ने कहा, मैं बड़े संकट में पड़ा हूं; क्योंकि पलिश्ती मेरे साथ लड़ रहे हैं और परमेश्वर ने मुझे छोड़ दिया, और अब मुझे न तो भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा उत्तर देता है, और न स्वपनों के; इसलिये मैं ने तुझे बुलाया कि तू मुझे जता दे कि मैं क्या करूं।
And Samuel | וַיֹּ֤אמֶר | wayyōʾmer | va-YOH-mer |
said | שְׁמוּאֵל֙ | šĕmûʾēl | sheh-moo-ALE |
to | אֶל | ʾel | el |
Saul, | שָׁא֔וּל | šāʾûl | sha-OOL |
Why | לָ֥מָּה | lāmmâ | LA-ma |
disquieted thou hast | הִרְגַּזְתַּ֖נִי | hirgaztanî | heer-ɡahz-TA-nee |
me, to bring me up? | לְהַֽעֲל֣וֹת | lĕhaʿălôt | leh-ha-uh-LOTE |
אֹתִ֑י | ʾōtî | oh-TEE | |
Saul And | וַיֹּ֣אמֶר | wayyōʾmer | va-YOH-mer |
answered, | שָׁ֠אוּל | šāʾûl | SHA-ool |
I am sore | צַר | ṣar | tsahr |
distressed; | לִ֨י | lî | lee |
Philistines the for | מְאֹ֜ד | mĕʾōd | meh-ODE |
make war | וּפְלִשְׁתִּ֣ים׀ | ûpĕlištîm | oo-feh-leesh-TEEM |
against me, and God | נִלְחָמִ֣ים | nilḥāmîm | neel-ha-MEEM |
departed is | בִּ֗י | bî | bee |
from | וֵֽאלֹהִ֞ים | wēʾlōhîm | vay-loh-HEEM |
me, and answereth | סָ֤ר | sār | sahr |
me no | מֵֽעָלַי֙ | mēʿālay | may-ah-LA |
more, | וְלֹֽא | wĕlōʾ | veh-LOH |
neither | עָנָ֣נִי | ʿānānî | ah-NA-nee |
by | ע֗וֹד | ʿôd | ode |
prophets, | גַּ֤ם | gam | ɡahm |
nor | בְּיַֽד | bĕyad | beh-YAHD |
by dreams: | הַנְּבִיאִם֙ | hannĕbîʾim | ha-neh-vee-EEM |
called have I therefore | גַּם | gam | ɡahm |
known make mayest thou that thee, | בַּ֣חֲלֹמ֔וֹת | baḥălōmôt | BA-huh-loh-MOTE |
unto me what | וָֽאֶקְרָאֶ֣ה | wāʾeqrāʾe | va-ek-ra-EH |
I shall do. | לְךָ֔ | lĕkā | leh-HA |
לְהֽוֹדִיעֵ֖נִי | lĕhôdîʿēnî | leh-hoh-dee-A-nee | |
מָ֥ה | mâ | ma | |
אֶֽעֱשֶֽׂה׃ | ʾeʿĕśe | EH-ay-SEH |