Ezekiel 18:15
अर्थात न तो पहाड़ों पर भोजन किया हो, न इस्राएल के घराने की मूरतों की ओर आंख उठाई हो, न पराई स्त्री को बिगाड़ा हो,
That hath not | עַל | ʿal | al |
eaten | הֶֽהָרִים֙ | hehārîm | heh-ha-REEM |
upon | לֹ֣א | lōʾ | loh |
the mountains, | אָכָ֔ל | ʾākāl | ah-HAHL |
neither | וְעֵינָיו֙ | wĕʿênāyw | veh-ay-nav |
hath lifted up | לֹ֣א | lōʾ | loh |
his eyes | נָשָׂ֔א | nāśāʾ | na-SA |
to | אֶל | ʾel | el |
idols the | גִּלּוּלֵ֖י | gillûlê | ɡee-loo-LAY |
of the house | בֵּ֣ית | bêt | bate |
of Israel, | יִשְׂרָאֵ֑ל | yiśrāʾēl | yees-ra-ALE |
not hath | אֶת | ʾet | et |
defiled | אֵ֥שֶׁת | ʾēšet | A-shet |
his neighbour's | רֵעֵ֖הוּ | rēʿēhû | ray-A-hoo |
לֹ֥א | lōʾ | loh | |
wife, | טִמֵּֽא׃ | ṭimmēʾ | tee-MAY |