Zechariah 6:1
मैं ने फिर आंखें उठाईं, और क्या देखा कि दो पहाड़ों के बीच से चार रथ चले आते हैं; और वे पहाड़ पीतल के हैं।
Zechariah 6:1 in Other Translations
King James Version (KJV)
And I turned, and lifted up mine eyes, and looked, and, behold, there came four chariots out from between two mountains; and the mountains were mountains of brass.
American Standard Version (ASV)
And again I lifted up mine eyes, and saw, and, behold, there came four chariots out from between two mountains; and the mountains were mountains of brass.
Bible in Basic English (BBE)
And again lifting up my eyes I saw four war-carriages coming out from between the two mountains; and the mountains were mountains of brass.
Darby English Bible (DBY)
And I lifted up mine eyes again, and saw, and behold, there came four chariots out from between two mountains; and the mountains were mountains of brass.
World English Bible (WEB)
Again I lifted up my eyes, and saw, and, behold, four chariots came out from between two mountains; and the mountains were mountains of brass.
Young's Literal Translation (YLT)
And I turn back, and lift up mine eyes, and look, and lo, four chariots are coming forth from between two of the mountains, and the mountains `are' mountains of brass.
| And I turned, | וָאָשֻׁ֗ב | wāʾāšub | va-ah-SHOOV |
| and lifted up | וָאֶשָּׂ֤א | wāʾeśśāʾ | va-eh-SA |
| eyes, mine | עֵינַי֙ | ʿênay | ay-NA |
| and looked, | וָֽאֶרְאֶ֔ה | wāʾerʾe | va-er-EH |
| and, behold, | וְהִנֵּ֨ה | wĕhinnē | veh-hee-NAY |
| there came out | אַרְבַּ֤ע | ʾarbaʿ | ar-BA |
| four | מַרְכָּבוֹת֙ | markābôt | mahr-ka-VOTE |
| chariots | יֹֽצְא֔וֹת | yōṣĕʾôt | yoh-tseh-OTE |
| from between | מִבֵּ֖ין | mibbên | mee-BANE |
| two | שְׁנֵ֣י | šĕnê | sheh-NAY |
| mountains; | הֶֽהָרִ֑ים | hehārîm | heh-ha-REEM |
| mountains the and | וְהֶהָרִ֖ים | wĕhehārîm | veh-heh-ha-REEM |
| were mountains | הָרֵ֥י | hārê | ha-RAY |
| of brass. | נְחֹֽשֶׁת׃ | nĕḥōšet | neh-HOH-shet |
Cross Reference
Daniel 8:22
और वह सींग जो टूट गया और उसकी सन्ती जो चार सींग निकले, इसका अर्थ यह है कि उस जाति से चार राज्य उदय होंगे, परन्तु उनका बल उस पहिले का सा न होगा।
Ephesians 1:11
उसी में जिस में हम भी उसी की मनसा से जो अपनी इच्छा के मत के अनुसार सब कुछ करता है, पहिले से ठहराए जाकर मीरास बने।
Acts 4:28
कि जो कुछ पहिले से तेरी सामर्थ और मति से ठहरा था वही करें।
Zechariah 6:5
दूत ने मुझ से कहा, ये आकाश के चारों वायु हैं जो सारी पृथ्वी के प्रभु के पास उपस्थित रहते हैं, परन्तु अब निकल आए हैं।
Zechariah 5:1
मैं ने फिर आंखें उठाईं तो क्या देखा, कि एक लिखा हुआ पत्र उड़ रहा है।
Zechariah 1:18
फिर मैं ने जो आंखें उठाई, तो क्या देखा कि चार सींग हैं।
Daniel 7:3
तब समुद्र में से चार बड़े बड़े जन्तु, जो एक दूसरे से भिन्न थे, निकल आए।
Daniel 4:35
पृथ्वी के सब रहने वाले उसके साम्हने तुच्छ गिने जाते हैं, और वह स्वर्ग की सेना और पृथ्वी के रहने वालों के बीच अपनी इच्छा के अनुसार काम करता है; और कोई उसको रोक कर उस से नहीं कह सकता है, तू ने यह क्या किया है?
Daniel 4:15
तौभी उसके ठूंठ को जड़ समेत भूमि में छोड़ो, और उसको लोहे और पीतल के बन्धन से बान्ध कर मैदान की हरी घास के बीच रहने दो। वह आकाश की ओस से भीगा करे और भूमि की घास खाने में मैदान के पशुओं के संग भागी हो।
Daniel 2:38
और जहां कहीं मनुष्य पाए जाते हैं, वहां उसने उन सभों को, और मैदान के जीवजन्तु, और आकाश के पक्षी भी तेरे वश में कर दिए हैं; और तुझ को उन सब का अधिकारी ठहराया है। यह सोने का सिर तू ही है।
Isaiah 46:10
मैं तो अन्त की बात आदि से और प्राचीनकाल से उस बात को बताता आया हूं जो अब तक नहीं हुई। मैं कहता हूं, मेरी युक्ति स्थिर रहेगी और मैं अपनी इच्छा को पूरी करूंगा।
Isaiah 43:13
मैं ही ईश्वर हूं और भविष्य में भी मैं ही हूं; मेरे हाथ से कोई छुड़ा न सकेगा; जब मैं काम करना चाहूं तब कौन मुझे रोक सकेगा॥
Isaiah 14:26
यही युक्ति सारी पृथ्वी के लिये ठहराई गई है; और यह वही हाथ है जो सब जातियों पर बढ़ा हुआ है।
Proverbs 21:30
यहोवा के विरूद्ध न तो कुछ बुद्धि, और न कुछ समझ, न कोई युक्ति चलती है।
Psalm 36:6
तेरा धर्म ऊंचे पर्वतों के समान है, तेरे नियम अथाह सागर ठहरे हैं; हे यहोवा तू मनुष्य और पशु दोनों की रक्षा करता है॥
Psalm 33:11
यहोवा की युक्ति सर्वदा स्थिर रहेगी, उसके मन की कल्पनाएं पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहेंगी।
Job 34:29
जब वह चैन देता तो उसे कौन दोषी ठहरा सकता है? और जब वह मुंह फेर ले, तब कौन उसका दर्शन पा सकता है? जाति भर के साथ और अकेले मनुष्य, दोनों के साथ उसका बराबर व्यवहार है
1 Samuel 2:8
वह कंगाल को धूलि में से उठाता; और दरिद्र को घूरे में से निकाल खड़ा करता है, ताकि उन को अधिपतियों के संग बिठाए, और महिमायुक्त सिंहासन के अधिकारी बनाए। क्योंकि पृथ्वी के खम्भे यहोवा के हैं, और उसने उन पर जगत को धरा है।
Ephesians 3:11
उस सनातन मनसा के अनुसार, जो उस ने हमारे प्रभु मसीह यीशु में की थी।