Romans 9:20 in Hindi

Hindi Hindi Bible Romans Romans 9 Romans 9:20

Romans 9:20
हे मनुष्य, भला तू कौन है, जो परमेश्वर का साम्हना करता है? क्या गढ़ी हुई वस्तु गढ़ने वाले से कह सकती है कि तू ने मुझे ऐसा क्यों बनाया है?

Romans 9:19Romans 9Romans 9:21

Romans 9:20 in Other Translations

King James Version (KJV)
Nay but, O man, who art thou that repliest against God? Shall the thing formed say to him that formed it, Why hast thou made me thus?

American Standard Version (ASV)
Nay but, O man, who art thou that repliest against God? Shall the thing formed say to him that formed it, Why didst thou make me thus?

Bible in Basic English (BBE)
But, O man, who are you, to make answer against God? May the thing which is made say to him who made it, Why did you make me so?

Darby English Bible (DBY)
Aye, but thou, O man, who art *thou* that answerest again to God? Shall the thing formed say to him that has formed it, Why hast thou made me thus?

World English Bible (WEB)
But indeed, O man, who are you to reply against God? Will the thing formed ask him who formed it, "Why did you make me like this?"

Young's Literal Translation (YLT)
nay, but, O man, who art thou that art answering again to God? shall the thing formed say to Him who did form `it', Why me didst thou make thus?

Nay
but,
μενοῦνγεmenoungemay-NOON-gay
O
ōoh
man,
ἄνθρωπεanthrōpeAN-throh-pay
who
σὺsysyoo
art
τίςtistees
thou
εἶeiee

hooh
that
repliest
against
ἀνταποκρινόμενοςantapokrinomenosan-ta-poh-kree-NOH-may-nose

τῷtoh
God?
θεῷtheōthay-OH
Shall
μὴmay
thing
the
ἐρεῖereiay-REE
formed
τὸtotoh
say
πλάσμαplasmaPLA-sma
to
him
that
τῷtoh
formed
πλάσαντιplasantiPLA-sahn-tee
Why
it,
Τίtitee
hast
thou
made
μεmemay
me
ἐποίησαςepoiēsasay-POO-ay-sahs
thus?
οὕτωςhoutōsOO-tose

Cross Reference

Isaiah 29:16
तुम्हारी कैसी उलटी समझ है! क्या कुम्हार मिट्टी के तुल्य गिना जाएगा? क्या बनाई हुई वस्तु अपने कर्त्ता के विषय कहे कि उसने मुझे नहीं बनाया, वा रची हुई वस्तु अपने रचने वाले के विषय कहे, कि वह कुछ समझ नहीं रखता?

Isaiah 45:9
हाय उस पर जो अपने रचने वाले से झगड़ता है! वह तो मिट्टी के ठीकरों में से एक ठीकरा ही है! क्या मिट्टी कुम्हार से कहेगी, तू यह क्या करता है? क्या कारीगर का बनाया हुआ कार्य उसके विषय कहेगा कि उसके हाथ नहीं है?

Isaiah 64:8
तौभी, हे यहोवा, तू हमार पिता है; देख, हम तो मिट्टी है, और तू हमारा कुम्हार है; हम सब के सब तेरे हाथ के काम हैं।

Job 33:13
तू उस से क्यों झगड़ता है? क्योंकि वह अपनी किसी बात का लेखा नहीं देता।

Job 16:3
तू कौन सी बात से झिड़ककर उत्तर देता।

1 Timothy 6:5
और उन मनुष्यों में व्यर्थ रगड़े झगड़े उत्पन्न होते हैं, जिन की बुद्धि बिगड़ गई है और वे सत्य से विहीन हो गए हैं, जो समझते हैं कि भक्ति कमाई का द्वार है।

Job 42:2
मैं जानता हूँ कि तू सब कुछ कर सकता है, और तेरी युक्तियों में से कोई रुक नहीं सकती।

Job 40:2
क्या जो बकवास करता है वह सर्वशक्तिमान से झगड़ा करे? जो ईश्वर से विवाद करता है वह इसका उत्तर दे।

Job 38:2
यह कौन है जो अज्ञानता की बातें कहकर युक्ति को बिगाड़ना चाहता है?

Job 36:23
किस ने उसके चलने का मार्ग ठहराया है? और कौन उस से कह सकता है, कि तू ने अनुचित काम किया है?

Job 40:8
क्या तू मेरा न्याय भी व्यर्थ ठहराएगा? क्या तू आप निर्दोष ठहरने की मनसा से मुझ को दोषी ठहराएगा?

Job 40:5
एक बार तो मैं कह चुका, परन्तु और कुछ न कहूंगा: हां दो बार भी मैं कह चुका, परन्तु अब कुछ और आगे न बढ़ूंगा।

Titus 2:9
दासों को समझा, कि अपने अपने स्वामी के आधीन रहें, और सब बातों में उन्हें प्रसन्न रखें, और उलट कर जवाब न दें।

1 Corinthians 7:16
क्योंकि हे स्त्री, तू क्या जानती है, कि तू अपने पति का उद्धार करा ले और हे पुरूष, तू क्या जानता है कि तू अपनी पत्नी का उद्धार करा ले?

1 Corinthians 1:20
कहां रहा ज्ञानवान? कहां रहा शास्त्री? कहां इस संसार का विवादी? क्या परमेश्वर ने संसार के ज्ञान को मूर्खता नहीं ठहराया?

Romans 2:1
सो हे दोष लगाने वाले, तू कोई क्यों न हो; तू निरुत्तर है! क्योंकि जिस बात में तू दूसरे पर दोष लगाता है, उसी बात में अपने आप को भी दोषी ठहराता है, इसलिये कि तू जो दोष लगाता है, आप ही वही काम करता है।

Matthew 20:15
क्या उचित नहीं कि मैं अपने माल से जो चाहूं सो करूं? क्या तू मेरे भले होने के कारण बुरी दृष्टि से देखता है?

Micah 6:8
हे मनुष्य, वह तुझे बता चुका है कि अच्छा क्या है; और यहोवा तुझ से इसे छोड़ और क्या चाहता है, कि तू न्याय से काम करे, और कृपा से प्रीति रखे, और अपने परमेश्वर के साथ नम्रता से चले?

James 2:20
पर हे निकम्मे मनुष्य क्या तू यह भी नहीं जानता, कि कर्म बिना विश्वास व्यर्थ है?