Psalm 77:2
संकट के दिन मैं प्रभु की खोज में लगा रहा; रात को मेरा हाथ फैला रहा, और ढीला न हुआ, मुझ में शांति आई ही नहीं।
Psalm 77:2 in Other Translations
King James Version (KJV)
In the day of my trouble I sought the Lord: my sore ran in the night, and ceased not: my soul refused to be comforted.
American Standard Version (ASV)
In the day of my trouble I sought the Lord: My hand was stretched out in the night, and slacked not; My soul refused to be comforted.
Bible in Basic English (BBE)
In the day of my trouble, my heart was turned to the Lord: my hand was stretched out in the night without resting; my soul would not be comforted.
Darby English Bible (DBY)
In the day of my trouble, I sought the Lord: my hand was stretched out in the night, and slacked not; my soul refused to be comforted.
Webster's Bible (WBT)
To the chief Musician, to Jeduthun, A Psalm of Asaph. I cried to God with my voice, even to God with my voice; and he gave ear to me.
World English Bible (WEB)
In the day of my trouble I sought the Lord. My hand was stretched out in the night, and didn't get tired. My soul refused to be comforted.
Young's Literal Translation (YLT)
In a day of my distress the Lord I sought, My hand by night hath been spread out, And it doth not cease, My soul hath refused to be comforted.
| In the day | בְּי֥וֹם | bĕyôm | beh-YOME |
| of my trouble | צָרָתִי֮ | ṣārātiy | tsa-ra-TEE |
| sought I | אֲדֹנָ֪י | ʾădōnāy | uh-doh-NAI |
| the Lord: | דָּ֫רָ֥שְׁתִּי | dārāšĕttî | DA-RA-sheh-tee |
| my sore | יָדִ֤י׀ | yādî | ya-DEE |
| ran | לַ֣יְלָה | laylâ | LA-la |
| in the night, | נִ֭גְּרָה | niggĕrâ | NEE-ɡeh-ra |
| and ceased | וְלֹ֣א | wĕlōʾ | veh-LOH |
| not: | תָפ֑וּג | tāpûg | ta-FOOɡ |
| soul my | מֵאֲנָ֖ה | mēʾănâ | may-uh-NA |
| refused | הִנָּחֵ֣ם | hinnāḥēm | hee-na-HAME |
| to be comforted. | נַפְשִֽׁי׃ | napšî | nahf-SHEE |
Cross Reference
Isaiah 26:9
रात के समय मैं जी से तरी लालसा करता हूं, मेरा सम्पूर्ण मन से यत्न के साथ तुझे ढूंढ़ता है। क्योंकि जब तेरे न्याय के काम पृथ्वी पर प्रगट होते हैं, तब जगत के रहने वाले धर्म की सीखते हैं।
Psalm 50:15
और संकट के दिन मुझे पुकार; मैं तुझे छुड़ाऊंगा, और तू मेरी महिमा करने पाएगा॥
Genesis 37:35
और उसके सब बेटे-बेटियों ने उसको शान्ति देने का यत्न किया; पर उसको शान्ति न मिली; और वह यही कहता रहा, मैं तो विलाप करता हुआ अपने पुत्र के पास अधोलोक में उतर जाऊंगा। इस प्रकार उसका पिता उसके लिये रोता ही रहा।
Isaiah 26:16
हे यहोवा, दु:ख में वे तुझे स्मरण करते थे, जब तू उन्हें ताड़ना देता था तब वे दबे स्वर से अपने मन की बात तुझ पर प्रगट करते थे।
Proverbs 18:14
रोग में मनुष्य अपनी आत्मा से सम्भलता है; परन्तु जब आत्मा हार जाती है तब इसे कौन सह सकता है?
Isaiah 1:5
तुम बलवा कर कर के क्यों अधिक मार खाना चाहते हो? तुम्हारा सिर घावों से भर गया, और तुम्हारा हृदय दु:ख से भरा है।
Jeremiah 31:15
यहोवा यह भी कहता है: सुन, रामा नगर में विलाप और बिलक बिलककर रोने का शब्द सुनने में आता है। राहेल अपने लड़कों के लिये रो रही है; और अपने लड़कों के कारण शान्त नहीं होती, क्योंकि वे जाते रहे।
Hosea 5:13
जब एप्रैम ने अपना रोग और यहूदा ने अपना घाव देखा, तब एप्रैम अश्शूर के पास गया, और यारेब के राजा को कहला भेजा। परन्तु ना वह तुम्हें चंगा कर सकता और ना तुम्हारा घाव अच्छा कर सकता है।
Hosea 6:1
चलो, हम यहोवा की ओर फिरें; क्योंकि उसी ने फाड़ा, और वही चंगा भी करेगा; उसी ने मारा, और वही हमारे घावों पर पट्टी बान्धेगा।
Jonah 2:1
तब योना ने उसके पेट में से अपने परमेश्वर यहोवा से प्रार्थना कर के कहा,
John 11:31
तब जो यहूदी उसके साथ घर में थे, और उसे शान्ति दे रहे थे, यह देखकर कि मरियम तुरन्त उठके बाहर गई है और यह समझकर कि वह कब्र पर रोने को जाती है, उसके पीछे हो लिये।
2 Corinthians 12:7
और इसलिये कि मैं प्रकाशों की बहुतायत से फूल न जाऊं, मेरे शरीर में एक कांटा चुभाया गया अर्थात शैतान का एक दूत कि मुझे घूँसे मारे ताकि मैं फूल न जाऊं।
Hebrews 5:7
उस ने अपनी देह में रहने के दिनों में ऊंचे शब्द से पुकार पुकार कर, और आंसू बहा बहा कर उस से जो उस को मृत्यु से बचा सकता था, प्रार्थनाएं और बिनती की और भक्ति के कारण उस की सुनी गई।
Psalm 130:1
हे यहोवा, मैं ने गहिरे स्थानों में से तुझ को पुकारा है!
Psalm 102:1
हे यहोवा, मेरी प्रार्थना सुन; मेरी दोहाई तुझ तक पहुंचे!
Genesis 32:28
उसने कहा तेरा नाम अब याकूब नहीं, परन्तु इस्राएल होगा, क्योंकि तू परमेश्वर से और मनुष्यों से भी युद्ध कर के प्रबल हुआ है।
2 Kings 19:3
उन्होंने उस से कहा, हिजकिय्याह यों कहता है, आज का दिन संकट, और उलहने, और निन्दा का दिन है; बच्चे जन्मने पर हुए पर जच्चा को जन्म देने का बल न रहा।
2 Kings 19:15
और यहोवा से यह प्रार्थना की, कि हे इस्राएल के परमेश्वर यहोवा! हे करूबों पर विराजने वाले ! पृथ्वी के सब राज्यों के ऊपर केवल तू ही परमेश्वर है। आकाश और पृथ्वी को तू ही ने बनाया है।
2 Chronicles 6:28
जब इस देश में काल वा मरी वा झुलस हो वा गेरुई वा टिड्डियां वा कीड़े लगें, वा उनके शत्रु उनके देश के फाटकों में उन्हें घेर रखें, वा कोई विपत्ति वा रोग हो;
Esther 4:1
जब मोर्दकै ने जान लिया कि क्या क्या किया गया है तब मोर्दकै वस्त्र फाड़, टाट पहिन, राख डालकर, नगर के मध्य जा कर ऊंचे और दुखभरे शब्द से चिल्लाने लगा;
Job 11:13
यदि तू अपना मन शुद्ध करे, और ईश्वर की ओर अपने हाथ फैलाए,
Psalm 6:2
हे यहोवा, मुझ पर अनुग्रह कर, क्योंकि मैं कुम्हला गया हूं; हे यहोवा, मुझे चंगा कर, क्योंकि मेरी हडि्डयों में बेचैनी है।
Psalm 18:6
अपने संकट में मैं ने यहोवा परमेश्वर को पुकारा; मैं ने अपने परमेश्वर की दोहाई दी। और उसने अपने मन्दिर में से मेरी बातें सुनी। और मेरी दोहाई उसके पास पहुंचकर उसके कानों में पड़ी॥
Psalm 38:3
तेरे क्रोध के कारण मेरे शरीर में कुछ भी आरोग्यता नहीं; और मेरे पाप के कारण मेरी हडि्डयों में कुछ भी चैन नहीं।
Psalm 63:6
जब मैं बिछौने पर पड़ा तेरा स्मरण करूंगा, तब रात के एक एक पहर में तुझ पर ध्यान करूंगा;
Psalm 86:7
संकट के दिन मैं तुझ को पुकारूंगा, क्योंकि तू मेरी सुन लेगा॥
Psalm 88:1
हे मेरे उद्धारकर्ता परमेश्वर यहोवा, मैं दिन को और रात को तेरे आगे चिल्लाता आया हूं।
Genesis 32:7
तब याकूब निपट डर गया, और संकट में पड़ा: और यह सोच कर, अपने संग वालों के, और भेड़-बकरियों, और गाय-बैलों, और ऊंटो के भी अलग अलग दो दल कर लिये,