Psalm 65:4
क्या ही धन्य है वह; जिस को तू चुनकर अपने समीप आने देता है, कि वह तेरे आंगनों में बास करे! हम तेरे भवन के, अर्थात तेरे पवित्र मन्दिर के उत्तम उत्तम पदार्थों से तृप्त होंगे॥
Psalm 65:4 in Other Translations
King James Version (KJV)
Blessed is the man whom thou choosest, and causest to approach unto thee, that he may dwell in thy courts: we shall be satisfied with the goodness of thy house, even of thy holy temple.
American Standard Version (ASV)
Blessed is the man whom thou choosest, and causest to approach `unto thee', That he may dwell in thy courts: We shall be satisfied with the goodness of thy house, Thy holy temple.
Bible in Basic English (BBE)
Happy is the man of your selection, to whom you give a resting-place in your house; we will be full of the good things out of your holy place.
Darby English Bible (DBY)
Blessed is he whom thou choosest and causest to approach: he shall dwell in thy courts. We shall be satisfied with the goodness of thy house, of thy holy temple.
Webster's Bible (WBT)
Iniquities prevail against me: as for our transgressions, thou shalt purge them away.
World English Bible (WEB)
Blessed is one whom you choose, and cause to come near, That he may live in your courts. We will be filled with the goodness of your house, Your holy temple.
Young's Literal Translation (YLT)
O the happiness of `him whom' Thou choosest, And drawest near, he inhabiteth Thy courts, We are satisfied with the goodness of Thy house, Thy holy temple.
| Blessed | אַשְׁרֵ֤י׀ | ʾašrê | ash-RAY |
| is the man whom thou choosest, | תִּֽבְחַ֣ר | tibĕḥar | tee-veh-HAHR |
| approach to causest and | וּתְקָרֵב֮ | ûtĕqārēb | oo-teh-ka-RAVE |
| unto thee, that he may dwell | יִשְׁכֹּ֪ן | yiškōn | yeesh-KONE |
| courts: thy in | חֲצֵ֫רֶ֥יךָ | ḥăṣērêkā | huh-TSAY-RAY-ha |
| we shall be satisfied | נִ֭שְׂבְּעָה | niśbĕʿâ | NEES-beh-ah |
| with the goodness | בְּט֣וּב | bĕṭûb | beh-TOOV |
| house, thy of | בֵּיתֶ֑ךָ | bêtekā | bay-TEH-ha |
| even of thy holy | קְ֝דֹ֗שׁ | qĕdōš | KEH-DOHSH |
| temple. | הֵיכָלֶֽךָ׃ | hêkālekā | hay-ha-LEH-ha |
Cross Reference
Psalm 84:4
क्या ही धन्य हैं वे, जो तेरे भवन में रहते हैं; वे तेरी स्तुति निरन्तर करते रहेंगे॥
Psalm 36:8
वे तेरे भवन के चिकने भोजन से तृप्त होंगे, और तू अपनी सुख की नदी में से उन्हें पिलाएगा।
Psalm 33:12
क्या ही धन्य है वह जाति जिसका परमेश्वर यहोवा है, और वह समाज जिसे उसने अपना निज भाग होने के लिये चुन लिया हो!
Psalm 63:5
मेरा जीव मानो चर्बी और चिकने भोजन से तृप्त होगा, और मैं जयजयकार करके तेरी स्तुति करूंगा।
Psalm 4:3
यह जान रखो कि यहोवा ने भक्त को अपने लिये अलग कर रखा है; जब मैं यहोवा को पुकारूंगा तब वह सुन लेगा॥
Revelation 21:3
फिर मैं ने सिंहासन में से किसी को ऊंचे शब्द से यह कहते सुना, कि देख, परमेश्वर का डेरा मनुष्यों के बीच में है; वह उन के साथ डेरा करेगा, और वे उसके लोग होंगे, और परमेश्वर आप उन के साथ रहेगा; और उन का परमेश्वर होगा।
Revelation 7:16
वे फिर भूखे और प्यासे न होंगे: ओर न उन पर धूप, न कोई तपन पड़ेगी।
Revelation 3:12
जो जय पाए, उस मैं अपने परमेश्वर के मन्दिर में एक खंभा बनाऊंगा; और वह फिर कभी बाहर न निकलेगा; और मैं अपने परमेश्वर का नाम, और अपने परमेश्वर के नगर, अर्थात नये यरूशलेम का नाम, जो मेरे परमेश्वर के पास से स्वर्ग पर से उतरने वाला है और अपना नया नाम उस पर लिखूंगा।
Ephesians 1:4
जैसा उस ने हमें जगत की उत्पति से पहिले उस में चुन लिया, कि हम उसके निकट प्रेम में पवित्र और निर्दोष हों।
Psalm 106:4
हे यहोवा, अपनी प्रजा पर की प्रसन्नता के अनुसार मुझे स्मरण कर, मेरे उद्धार के लिये मेरी सुधि ले,
Psalm 24:7
हे फाटकों, अपने सिर ऊंचे करो। हे सनातन के द्वारों, ऊंचे हो जाओ। क्योंकि प्रतापी राजा प्रवेश करेगा।
Psalm 23:6
निश्चय भलाई और करूणा जीवन भर मेरे साथ साथ बनी रहेंगी; और मैं यहोवा के धाम में सर्वदा वास करूंगा॥
Psalm 17:15
परन्तु मैं तो धर्मी होकर तेरे मुख का दर्शन करूंगा जब मैं जानूंगा तब तेरे स्वरूप से सन्तुष्ट हूंगा॥
Psalm 15:1
हे परमेश्वर तेरे तम्बू में कौन रहेगा? तेरे पवित्र पर्वत पर कौन बसने पाएगा?
2 Thessalonians 2:13
पर हे भाइयो, और प्रभु के प्रिय लोगो चाहिये कि हम तुम्हारे विषय में सदा परमेश्वर का धन्यवाद करते रहें, कि परमेश्वर ने आदि से तुम्हें चुन लिया; कि आत्मा के द्वारा पवित्र बन कर, और सत्य की प्रतीति करके उद्धार पाओ।
Jeremiah 31:25
क्योंकि मैं ने थके हुए लोगों का प्राण तृप्त किया, और उदास लोगों के प्राण को भर दिया है।
Jeremiah 31:12
इसलिये वे सिय्योन की चोटी पर आकर जयजयकार करेंगे, और यहोवा से अनाज, नया दाखमधु, टटका तेल, भेड़-बकरियां और गाय-बैलों के बच्चे आदि उत्तम उत्तम दान पाने के लिये तांता बान्ध कर चलेंगे; और उनका प्राण सींची हुई बारी के समान होगा, और वे फिर कभी उदास न होंगे।
Psalm 135:4
याह ने तो याकूब को अपने लिये चुना है, अर्थात इस्राएल को अपने निज धन होने के लिये चुन लिया है।
Psalm 78:70
फिर उसने अपने दास दाऊद को चुन कर भेड़शालाओं में से ले लिया;