Psalm 40:2 in Hindi

Hindi Hindi Bible Psalm Psalm 40 Psalm 40:2

Psalm 40:2
उसने मुझे सत्यानाश के गड़हे और दलदल की कीच में से उबारा, और मुझ को चट्टान पर खड़ा करके मेरे पैरों को दृढ़ किया है।

Psalm 40:1Psalm 40Psalm 40:3

Psalm 40:2 in Other Translations

King James Version (KJV)
He brought me up also out of an horrible pit, out of the miry clay, and set my feet upon a rock, and established my goings.

American Standard Version (ASV)
He brought me up also out of a horrible pit, out of the miry clay; And he set my feet upon a rock, and established my goings.

Bible in Basic English (BBE)
He took me up out of a deep waste place, out of the soft and sticky earth; he put my feet on a rock, and made my steps certain.

Darby English Bible (DBY)
And he brought me up out of the pit of destruction, out of the miry clay, and set my feet upon a rock; he hath established my goings:

Webster's Bible (WBT)
To the chief Musician, A Psalm of David. I waited patiently for the LORD; and he inclined to me, and heard my cry.

World English Bible (WEB)
He brought me up also out of a horrible pit, Out of the miry clay. He set my feet on a rock, And gave me a firm place to stand.

Young's Literal Translation (YLT)
And He doth cause me to come up From a pit of desolation -- from mire of mud, And He raiseth up on a rock my feet, He is establishing my steps.

He
brought
me
up
וַיַּעֲלֵ֤נִי׀wayyaʿălēnîva-ya-uh-LAY-nee
horrible
an
of
out
also
מִבּ֥וֹרmibbôrMEE-bore
pit,
שָׁאוֹן֮šāʾônsha-ONE
miry
the
of
out
מִטִּ֪יטmiṭṭîṭmee-TEET
clay,
הַיָּ֫וֵ֥ןhayyāwēnha-YA-VANE
and
set
וַיָּ֖קֶםwayyāqemva-YA-kem
my
feet
עַלʿalal
upon
סֶ֥לַעselaʿSEH-la
a
rock,
רַגְלַ֗יraglayrahɡ-LAI
and
established
כּוֹנֵ֥ןkônēnkoh-NANE
my
goings.
אֲשֻׁרָֽי׃ʾăšurāyuh-shoo-RAI

Cross Reference

Psalm 27:5
क्योंकि वह तो मुझे विपत्ति के दिन में अपने मण्डप में छिपा रखेगा; अपने तम्बू के गुप्त स्थान में वह मुझे छिपा लेगा, और चट्टान पर चढ़ाएगा।

Psalm 69:2
मैं बड़े दलदल में धसा जाता हूं, और मेरे पैर कहीं नहीं रूकते; मैं गहिरे जल में आ गया, और धारा में डूबा जाता हूं।

Psalm 37:23
मनुष्य की गति यहोवा की ओर से दृढ़ होती है, और उसके चलन से वह प्रसन्न रहता है;

Acts 2:27
क्योंकि तू मेरे प्राणों को अधोलोक में न छोड़ेगा; और न अपने पवित्र जन को सड़ने ही देगा!

Jeremiah 38:6
तब उन्होंने यिर्मयाह को ले कर राजपुत्र मल्किय्याह के उस गड़हे में जो पहरे के आंगन में था, रस्सियों से उतार कर डाल दिया। और उस गड़हे में पानी नहीं केवल दलदल था, और यिर्मयाह कीचड़ में धंस गया।

Matthew 13:50
वहां रोना और दांत पीसना होगा।

Acts 2:24
परन्तु उसी को परमेश्वर ने मृत्यु के बन्धनों से छुड़ाकर जिलाया: क्योंकि यह अनहोना था कि वह उसके वश में रहता।

Matthew 7:24
इसलिये जो कोई मेरी ये बातें सुनकर उन्हें मानता है वह उस बुद्धिमान मनुष्य की नाईं ठहरेगा जिस ने अपना घर चट्टान पर बनाया।

Zechariah 9:11
और तू भी सुन, क्योंकि मेरी वाचा के लोहू के कारण, मैं ने तेरे बन्दियों को बिना जल के गड़हे में से उबार लिया है।

Jonah 2:5
मैं जल से यहां तक घिरा हुआ था कि मेरे प्राण निकले जाते थे; गहिरा सागर मेरे चारों ओर था, और मेरे सिर में सिवार लिपटा हुआ था।

Lamentations 3:53
उन्होंने मुझे गड़हे में डाल कर मेरे जीवन का अन्त करने के लिये मेरे ऊपर पत्थर लुढ़काए हैं;

Isaiah 24:22
वे बंधुओं की नाईं गड़हे में इकट्ठे किए जाएंगे और बन्दीगृह में बन्द किए जाएंगे; और बहुत दिनों के बाद उनकी सुधि ली जाएगी।

Psalm 143:3
शत्रु तो मेरे प्राण का ग्राहक हुआ है; उसने मुझे चूर कर के मिट्टी में मिलाया है, और मुझे ढेर दिन के मरे हुओं के समान अन्धेरे स्थान में डाल दिया है।

Psalm 18:16
उसने ऊपर से हाथ बढ़ाकर मुझे थाम लिया, और गहिरे जल में से खींच लिया।

Psalm 18:36
तू ने मेरे पैरों के लिये स्थान चौड़ा कर दिया, और मेरे पैर नहीं फिसले।

Psalm 61:2
मूर्छा खाते समय मैं पृथ्वी की छोर से भी तुझे पुकारूंगा, जो चट्टान मेरे लिये ऊंची है, उस पर मुझ को ले चला;

Psalm 69:14
मुझ को दलदल में से उबार, कि मैं धंस न जाऊं; मैं अपने बैरियों से, और गहिरे जल में से बच जाऊं।

Psalm 71:20
तू ने तो हम को बहुत से कठिन कष्ट दिखाए हैं परन्तु अब तू फिर से हम को जिलाएगा; और पृथ्वी के गहिरे गड़हे में से उबार लेगा।

Psalm 86:13
क्योंकि तेरी करूणा मेरे ऊपर बड़ी है; और तू ने मुझ को अधोलोक की तह में जाने से बचा लिया है॥

Psalm 116:3
मृत्यु की रस्सियां मेरे चारोंओर थीं; मैं अधोलोक की सकेती में पड़ा था; मुझे संकट और शोक भोगना पड़ा।

Psalm 119:133
मेरे पैरों को अपने वचन के मार्ग पर स्थिर कर, और किसी अनर्थ बात को मुझ पर प्रभुता न करने दे।

Psalm 142:6
मेरी चिल्लाहट को ध्यान देकर सुन, क्योंकि मेरी बड़ी दुर्दशा हो गई है! जो मेरे पीछे पड़े हैं, उन से मुझे बचा ले; क्योंकि वे मुझ से अधिक सामर्थी हैं।

Psalm 17:5
मेरे पांव तेरे पथों में स्थिर रहे, फिसले नहीं॥