Psalm 30:7
हे यहोवा अपनी प्रसन्नता से तू ने मेरे पहाड़ को दृढ़ और स्थिर किया था; जब तू ने अपना मुख फेर लिया तब मैं घबरा गया॥
Psalm 30:7 in Other Translations
King James Version (KJV)
LORD, by thy favour thou hast made my mountain to stand strong: thou didst hide thy face, and I was troubled.
American Standard Version (ASV)
Thou, Jehovah, of thy favor hadst made my mountain to stand strong: Thou didst hide thy face; I was troubled.
Bible in Basic English (BBE)
Lord, by your grace you have kept my mountain strong: when your face was turned from me I was troubled.
Darby English Bible (DBY)
Jehovah, by thy favour thou hadst made my mountain to stand strong: thou didst hide thy face; I was troubled.
Webster's Bible (WBT)
And in my prosperity I said, I shall never be moved.
World English Bible (WEB)
You, Yahweh, when you favored me, made my mountain to stand strong. But when you hid your face, I was troubled.
Young's Literal Translation (YLT)
O Jehovah, in Thy good pleasure, Thou hast caused strength to remain for my mountain,' Thou hast hidden Thy face -- I have been troubled.
| Lord, | יְֽהוָ֗ה | yĕhwâ | yeh-VA |
| by thy favour | בִּרְצוֹנְךָ֮ | birṣônĕkā | beer-tsoh-neh-HA |
| mountain my made hast thou | הֶעֱמַ֪דְתָּה | heʿĕmadtâ | heh-ay-MAHD-ta |
| stand to | לְֽהַרְרִ֫י | lĕharrî | leh-hahr-REE |
| strong: | עֹ֥ז | ʿōz | oze |
| thou didst hide | הִסְתַּ֥רְתָּ | histartā | hees-TAHR-ta |
| face, thy | פָנֶ֗יךָ | pānêkā | fa-NAY-ha |
| and I was | הָיִ֥יתִי | hāyîtî | ha-YEE-tee |
| troubled. | נִבְהָֽל׃ | nibhāl | neev-HAHL |
Cross Reference
Psalm 104:29
तू मुख फेर लेता है, और वे घबरा जाते हैं; तू उनकी सांस ले लेता है, और उनके प्राण छूट जाते हैं और मिट्टी में फिर मिल जाते हैं।
Psalm 143:7
हे यहोवा, फुर्ती कर के मेरी सुन ले; क्योंकि मेरे प्राण निकलने ही पर हैं मुझ से अपना मुंह न छिपा, ऐसा न हो कि मैं कबर में पड़े हुओं के समान हो जाऊं।
Deuteronomy 31:17
उस समय मेरा कोप इन पर भड़केगा, और मैं भी इन्हें त्यागकर इन से अपना मुंह छिपा लूंगा, और ये आहार हो जाएंगे; और बहुत सी विपत्तियां और क्लेश इन पर आ पड़ेंगे, यहां तक कि ये उस समय कहेंगे, क्या ये विपत्तियां हम पर इस कारण तो नहीं आ पड़ीं, क्योंकि हमारा परमेश्वर हमारे मध्य में नहीं रहा?
Isaiah 38:17
देख, शान्ति ही के लिये मुझे बड़ी कडुआहट मिली; परन्तु तू ने स्नेह कर के मुझे विनाश के गड़हे से निकाला है, क्योंकि मेरे सब पापों को तू ने अपनी पीठ के पीछे फेंक दिया है।
Psalm 102:10
यह तेरे क्रोध और कोप के कारण हुआ है, क्योंकि तू ने मुझे उठाया, और फिर फेंक दिया है।
Psalm 89:17
क्योंकि तू उनके बल की शोभा है, और अपनी प्रसन्नता से हमारे सींग को ऊंचा करेगा।
Psalm 44:3
क्योंकि वे न तो अपनी तलवार के बल से इस देश के अधिकारी हुए, और न अपने बाहुबल से; परन्तु तेरे दाहिने हाथ और तेरी भुजा और तेरे प्रसन्न मुख के कारण जयवन्त हुए; क्योंकि तू उन को चाहता था॥
Psalm 40:2
उसने मुझे सत्यानाश के गड़हे और दलदल की कीच में से उबारा, और मुझ को चट्टान पर खड़ा करके मेरे पैरों को दृढ़ किया है।
Psalm 30:5
क्योंकि उसका क्रोध, तो क्षण भर का होता है, परन्तु उसकी प्रसन्नता जीवन भर की होती है। कदाचित् रात को रोना पड़े, परन्तु सबेरे आनन्द पहुंचेगा॥
Psalm 18:35
तू ने मुझ को अपने बचाव की ढाल दी है, तू अपने दाहिने हाथ से मुझे सम्भाले हुए है, और मेरी नम्रता ने महत्व दिया है।
Psalm 13:1
हे परमेश्वर तू कब तक? क्या सदैव मुझे भूला रहेगा? तू कब तक अपना मुखड़ा मुझ से छिपाए रहेगा?
Psalm 10:1
हे यहोवा तू क्यों दूर खड़ा रहता है? संकट के समय में क्यों छिपा रहता है?
Psalm 5:12
क्योंकि तू धर्मी को आशिष देगा; हे यहोवा, तू उसको अपने अनुग्रहरूपी ढाल से घेरे रहेगा॥
Job 30:26
जब मैं कुशल का मार्ग जोहता था, तब विपत्ति आ पड़ी; और जब मैं उजियाले का आसरा लगाए था, तब अन्धकार छा गया।
Job 10:12
तू ने मुझे जीवन दिया, और मुझ पर करुणा की है; और तेरी चौकसी से मेरे प्राण की रक्षा हई है।
1 Chronicles 17:26
और अब हे यहोवा तू ही परमेश्वर है, और तू ने अपने दास को यह भलाई करने का वचन दिया है।