Psalm 122:1
जब लोगों ने मुझ से कहा, कि हम यहोवा के भवन को चलें, तब मैं आनन्दित हुआ।
Psalm 122:1 in Other Translations
King James Version (KJV)
I was glad when they said unto me, Let us go into the house of the LORD.
American Standard Version (ASV)
I was glad when they said unto me, Let us go unto the house of Jehovah.
Bible in Basic English (BBE)
<A Song of the going up. Of David.> I was glad because they said to me, We will go into the house of the Lord.
Darby English Bible (DBY)
{A Song of degrees. Of David.} I rejoiced when they said unto me, Let us go into the house of Jehovah.
World English Bible (WEB)
> I was glad when they said to me, "Let's go to Yahweh's house!"
Young's Literal Translation (YLT)
A Song of the Ascents, by David. I have rejoiced in those saying to me, `To the house of Jehovah we go.'
| I was glad | שָׂ֭מַחְתִּי | śāmaḥtî | SA-mahk-tee |
| when they said | בְּאֹמְרִ֣ים | bĕʾōmĕrîm | beh-oh-meh-REEM |
| go us Let me, unto | לִ֑י | lî | lee |
| into the house | בֵּ֖ית | bêt | bate |
| of the Lord. | יְהוָ֣ה | yĕhwâ | yeh-VA |
| נֵלֵֽךְ׃ | nēlēk | nay-LAKE |
Cross Reference
Micah 4:2
और बहुत जातियों के लोग जाएंगे, और आपस में कहेंगे, आओ, हम यहोवा के पर्वत पर चढ़कर, याकूब के परमेश्वर के भवन में जाएं; तब वह हम को अपने मार्ग सिखाएगा, और हम उसके पथों पर चलेंगे। क्योंकि यहोवा की व्यवस्था सिय्योन से, और उसका वचन यरूशलेम से निकलेगा।
Isaiah 2:3
और बहुत देशों के लोग आएंगे, और आपस में कहेंगे: आओ, हम यहोवा के पर्वत पर चढ़कर, याकूब के परमेश्वर के भवन में जाएं; तब वह हम को अपने मार्ग सिखाएगा, और हम उसके पथों पर चलेंगे। क्योंकि यहोवा की व्यवस्था सिय्योन से, और उसका वचन यरूशलेम से निकलेगा।
Psalm 42:4
मैं भीड़ के संग जाया करता था, मैं जयजयकार और धन्यवाद के साथ उत्सव करने वाली भीड़ के बीच में परमेश्वर के भवन को धीरे धीरे जाया करता था; यह स्मरण करके मेरा प्राण शोकित हो जाता है।
Psalm 120:1
संकट के समय मैं ने यहोवा को पुकारा, और उसने मेरी सुन ली।
Psalm 121:1
मैं अपनी आंखें पर्वतों की ओर लगाऊंगा। मुझे सहायता कहां से मिलेगी?
Psalm 127:1
यदि घर को यहोवा न बनाए, तो उसके बनाने वालों को परिश्रम व्यर्थ होगा। यदि नगर की रक्षा यहोवा न करे, तो रखवाले का जागना व्यर्थ ही होगा।
Psalm 128:1
क्या ही धन्य है हर एक जो यहोवा का भय मानता है, और उसके मार्गों पर चलता है!
Zechariah 8:21
और एक नगर के रहने वाले दूसरे नगर के रहने वालों के पास जा कर कहेंगे, यहोवा से बिनती करने और सेनाओं के यहोवा को ढूंढ़ने के लिये चलो; मैं भी चलूंगा।
Jeremiah 50:4
यहोवा की यह वाणी है, कि उन दिनों में इस्राएली और यहूदा एक संग आएंगे, वे रोते हुए अपने परमेश्वर यहोवा को ढूंढ़ने के लिये चले आएंगे।
Jeremiah 31:6
क्योंकि ऐसा दिन आएगा, जिस में एप्रैम के पहाड़ी देश के पहरुए पुकारेंगे: उठो, हम अपने परमेश्वर यहोवा के पास सिय्योन को चलें।
Psalm 134:1
हे यहोवा के सब सेवकों, सुनो, तुम जो रात रात को यहोवा के भवन में खड़े रहते हो, यहोवा को धन्य कहो।
Psalm 133:1
देखो, यह क्या ही भली और मनोहर बात है कि भाई लोग आपस में मिले रहें!
Psalm 132:1
हे यहोवा, दाऊद के लिये उसकी सारी दुर्दशा को स्मरण कर;
Psalm 131:1
हे यहोवा, न तो मेरा मन गर्व से और न मेरी दृष्टि घमण्ड से भरी है; और जो बातें बड़ी और मेरे लिये अधिक कठिन हैं, उन से मैं काम नहीं रखता।
Psalm 63:1
हे परमेश्वर, तू मेरा ईश्वर है, मैं तुझे यत्न से ढूंढूंगा; सूखी और निर्जल ऊसर भूमि पर, मेरा मन तेरा प्यासा है, मेरा शरीर तेरा अति अभिलाषी है।
Psalm 84:1
हे सेनाओं के यहोवा, तेरे निवास क्या ही प्रिय हैं!
Psalm 84:10
क्योंकि तेरे आंगनों में का एक दिन और कहीं के हजार दिन से उत्तम है। दुष्टों के डेरों में वास करने से अपने परमेश्वर के भवन की डेवढ़ी पर खड़ा रहना ही मुझे अधिक भावता है।
Psalm 119:111
मैं ने तेरी चितौनियों को सदा के लिये अपना निज भाग कर लिया है, क्योंकि वे मेरे हृदय के हर्ष का कारण हैं।
Psalm 123:1
हे स्वर्ग में विराजमान मैं अपनी आंखें तेरी ओर लगाता हूं!
Psalm 124:1
इस्राएल यह कहे, कि यदि हमारी ओर यहोवा न होता,
Psalm 125:1
जो यहोवा पर भरोसा रखते हैं, वे सिय्योन पर्वत के समान हैं, जो टलता नहीं, वरन सदा बना रहता है।
Psalm 126:1
जब यहोवा सिय्योन से लौटने वालों को लौटा ले आया, तब हम स्वप्न देखने वाले से हो गए।
Psalm 129:1
इस्राएल अब यह कहे, कि मेरे बचपन से लोग मुझे बार बार क्लेश देते आए हैं,
Psalm 130:1
हे यहोवा, मैं ने गहिरे स्थानों में से तुझ को पुकारा है!
Psalm 55:14
हम दोनों आपस में कैसी मीठी मीठी बातें करते थे; हम भीड़ के साथ परमेश्वर के भवन को जाते थे।