Matthew 26:3
तब महायाजक और प्रजा के पुरिनए काइफा नाम महायाजक के आंगन में इकट्ठे हुए।
Matthew 26:3 in Other Translations
King James Version (KJV)
Then assembled together the chief priests, and the scribes, and the elders of the people, unto the palace of the high priest, who was called Caiaphas,
American Standard Version (ASV)
Then were gathered together the chief priests, and the elders of the people, unto the court of the high priest, who was called Caiaphas;
Bible in Basic English (BBE)
Then the chief priests and the rulers of the people came together in the house of the high priest, who was named Caiaphas.
Darby English Bible (DBY)
Then the chief priests and the elders of the people were gathered together to the palace of the high priest who was called Caiaphas,
World English Bible (WEB)
Then the chief priests, the scribes, and the elders of the people were gathered together in the court of the high priest, who was called Caiaphas.
Young's Literal Translation (YLT)
Then were gathered together the chief priests, and the scribes, and the elders of the people, to the court of the chief priest who was called Caiaphas;
| Then | Τότε | tote | TOH-tay |
| assembled together | συνήχθησαν | synēchthēsan | syoon-AKE-thay-sahn |
| the | οἱ | hoi | oo |
| chief priests, | ἀρχιερεῖς | archiereis | ar-hee-ay-REES |
| and | καὶ | kai | kay |
| the | οἱ | hoi | oo |
| scribes, | γραμματεῖς | grammateis | grahm-ma-TEES |
| and | καὶ | kai | kay |
| the | οἱ | hoi | oo |
| elders | πρεσβύτεροι | presbyteroi | prase-VYOO-tay-roo |
| the of | τοῦ | tou | too |
| people, | λαοῦ | laou | la-OO |
| unto | εἰς | eis | ees |
| the | τὴν | tēn | tane |
| palace | αὐλὴν | aulēn | a-LANE |
| high the of | τοῦ | tou | too |
| priest, | ἀρχιερέως | archiereōs | ar-hee-ay-RAY-ose |
| τοῦ | tou | too | |
| who was called | λεγομένου | legomenou | lay-goh-MAY-noo |
| Caiaphas, | Καϊάφα | kaiapha | ka-ee-AH-fa |
Cross Reference
John 18:24
हन्ना ने उसे बन्धे हुए काइफा महायाजक के पास भेज दिया॥
John 11:47
इस पर महायाजकों और फरीसियों ने मुख्य सभा के लोगों को इकट्ठा करके कहा, हम करते क्या हैं? यह मनुष्य तो बहुत चिन्ह दिखाता है।
Mark 14:54
पतरस दूर ही दूर से उसके पीछे पीछे महायाजक के आंगन के भीतर तक गया, और प्यादों के साथ बैठ कर आग तापने लगा।
Matthew 26:57
और यीशु के पकड़ने वाले उस को काइफा नाम महायाजक के पास ले गए, जहां शास्त्री और पुरिनए इकट्ठे हुए थे।
Acts 4:25
तू ने पवित्र आत्मा के द्वारा अपने सेवक हमारे पिता दाऊद के मुख से कहा, कि अन्य जातियों ने हुल्लड़ क्यों मचाया और देश के लोगों ने क्यों व्यर्थ बातें सोचीं?
Acts 4:5
दूसरे दिन ऐसा हुआ कि उन के सरदार और पुरिनये और शास्त्री।
John 18:28
और वे यीशु को काइफा के पास से किले को ले गए और भोर का समय था, परन्तु वे आप किले के भीतर न गए ताकि अशुद्ध न हों परन्तु फसह खा सकें।
John 18:13
और पहिले उसे हन्ना के पास ले गए क्योंकि वह उस वर्ष के महायाजक काइफा का ससुर था।
John 11:57
क्या वह पर्व में नहीं आएगा? और महायाजकों और फरीसियों ने भी आज्ञा दे रखी थी, कि यदि कोई यह जाने कि यीशु कहां है तो बताए, कि उसे पकड़ लें॥
Luke 3:2
और जब हन्ना और कैफा महायाजक थे, उस समय परमेश्वर का वचन जंगल में जकरयाह के पुत्र यूहन्ना के पास पहुंचा।
Matthew 26:69
और पतरस बाहर आंगन में बैठा हुआ था: कि एक लौंड़ी ने उसके पास आकर कहा; तू भी यीशु गलीली के साथ था।
Matthew 21:45
महायाजक और फरीसी उसके दृष्टान्तों को सुनकर समझ गए, कि वह हमारे विषय में कहता है।
Jeremiah 18:18
तब वे कहने लगे, चलो, यिर्मयाह के विरुद्ध युक्ति करें, क्योंकि न याजक से व्यवस्था, न ज्ञानी से सम्मति, न भविष्यद्वक्ता से वचन दूर होंगे। आओ, हम उसकी कोई बात पकड़ कर उसको नाश कराएं और फिर उसकी किसी बात पर ध्यान न दें।
Jeremiah 17:27
परन्तु यदि तुम मेरी सुन कर विश्राम के दिन को पवित्र न मानो, और उस दिन यरूशलेम के फाटकों से बोझ लिए हुए प्रवेश करते रहो, तो मैं यरूशलेम के फाटकों में आग लगाऊंगा; और उस से यरूशलेम के महल भी भस्म हो जाएंगे और वह आग फिर न बुझेगी।
Jeremiah 11:19
मैं तो वध होने वाले भेड़ के बच्चे के समान अनजान था। मैं न जानता था कि वे लोग मेरी हानि की युक्तियां यह कहकर करते हैं, आओ, हम फल समेत इस वृक्ष को उखाड़ दें, और जीवितों के बीच में से काट डालें, तब इसका नाम तक फिर स्मरण न रहे।
Psalm 94:20
क्या तेरे और दुष्टों के सिंसाहन के बीच सन्धि होगी, जो कानून की आड़ में उत्पात मचाते हैं?
Psalm 64:4
ताकि छिपकर खरे मनुष्य को मारें; वे निडर होकर उसको अचानक मारते भी हैं।
Psalm 56:6
वे सब मिलकर इकट्ठे होते हैं और छिपकर बैठते हैं; वे मेरे कदमों को देखते भालते हैं मानों वे मेरे प्राणों की घात में ताक लगाए बैठें हों।
Psalm 2:1
जाति जाति के लोग क्यों हुल्लड़ मचाते हैं, और देश देश के लोग व्यर्थ बातें क्यों सोच रहे हैं?