Mark 7:21
क्योंकि भीतर से अर्थात मनुष्य के मन से, बुरी बुरी चिन्ता, व्यभिचार।
Mark 7:21 in Other Translations
King James Version (KJV)
For from within, out of the heart of men, proceed evil thoughts, adulteries, fornications, murders,
American Standard Version (ASV)
For from within, out of the heart of men, evil thoughts proceed, fornications, thefts, murders, adulteries,
Bible in Basic English (BBE)
Because from inside, from the heart of men, come evil thoughts and unclean pleasures,
Darby English Bible (DBY)
For from within, out of the heart of men, go forth evil thoughts, adulteries, fornications, murders,
World English Bible (WEB)
For from within, out of the hearts of men, proceed evil thoughts, adulteries, sexual sins, murders, thefts,
Young's Literal Translation (YLT)
for from within, out of the heart of men, the evil reasonings do come forth, adulteries, whoredoms, murders,
| For | ἔσωθεν | esōthen | A-soh-thane |
| from within, | γὰρ | gar | gahr |
| out of | ἐκ | ek | ake |
| the | τῆς | tēs | tase |
| heart | καρδίας | kardias | kahr-THEE-as |
| τῶν | tōn | tone | |
| men, of | ἀνθρώπων | anthrōpōn | an-THROH-pone |
| proceed | οἱ | hoi | oo |
| διαλογισμοὶ | dialogismoi | thee-ah-loh-gee-SMOO | |
| evil | οἱ | hoi | oo |
| κακοὶ | kakoi | ka-KOO | |
| thoughts, | ἐκπορεύονται | ekporeuontai | ake-poh-RAVE-one-tay |
| adulteries, | μοιχεῖαι, | moicheiai | moo-HEE-ay |
| fornications, | πορνεῖαι | porneiai | pore-NEE-ay |
| murders, | φόνοι | phonoi | FOH-noo |
Cross Reference
James 4:1
तुम में लड़ाइयां और झगड़े कहां से आ गए? क्या उन सुख-विलासों से नहीं जो तुम्हारे अंगों में लड़ते-भिड़ते हैं?
Galatians 5:19
शरीर के काम तो प्रगट हैं, अर्थात व्यभिचार, गन्दे काम, लुचपन।
Jeremiah 17:9
मन तो सब वस्तुओं से अधिक धोखा देने वाला होता है, उस में असाध्य रोग लगा है; उसका भेद कौन समझ सकता है?
Romans 8:7
क्योंकि शरीर पर मन लगाना तो परमेश्वर से बैर रखना है, क्योंकि न तो परमेश्वर की व्यवस्था के आधीन है, और न हो सकता है।
Jeremiah 4:14
हे यरूशलेम, अपना हृदय बुराई से धो, कि, तुम्हारा उद्धार हो जाए। तुम कब तक व्यर्थ कल्पनाएं करते रहोगे?
Matthew 9:4
यीशु ने उन के मन की बातें मालूम करके कहा, कि तुम लोग अपने अपने मन में बुरा विचार क्यों कर रहे हो?
Acts 8:22
इसलिये अपनी इस बुराई से मन फिराकर प्रभु से प्रार्थना कर, सम्भव है तेरे मन का विचार क्षमा किया जाए।
James 2:4
तो क्या तुम ने आपस में भेद भाव न किया और कुविचार से न्याय करने वाले न ठहरे?
1 Peter 4:2
ताकि भविष्य में अपना शेष शारीरिक जीवन मनुष्यों की अभिलाषाओं के अनुसार नहीं वरन परमेश्वर की इच्छा के अनुसार व्यतीत करो।
James 1:14
परन्तु प्रत्येक व्यक्ति अपनी ही अभिलाषा में खिंच कर, और फंस कर परीक्षा में पड़ता है।
Romans 7:8
परन्तु पाप ने अवसर पाकर आज्ञा के द्वारा मुझ में सब प्रकार का लालच उत्पन्न किया, क्योंकि बिना व्यवस्था पाप मुर्दा है।
Romans 7:5
क्योंकि जब हम शारीरिक थे, तो पापों की अभिलाषायें जो व्यवस्था के द्वारा थीं, मृत्यु का फल उत्पन्न करने के लिये हमारे अंगों में काम करती थीं।
Acts 5:4
जब तक वह तेरे पास रही, क्या तेरी न थी? और जब बिक गई तो क्या तेरे वश में न थी? तू ने यह बात अपने मन में क्यों विचारी? तू मनुष्यों से नहीं, परन्तु परमेश्वर से झूठ बोला।
Luke 16:15
उस ने उन से कहा; तुम तो मनुष्यों के साम्हने अपने आप को धर्मी ठहराते हो: परन्तु परमेश्वर तुम्हारे मन को जानता है, क्योंकि जो वस्तु मनुष्यों की दृष्टि में महान है, वह परमेश्वर के निकट घृणित है।
Matthew 23:25
हे कपटी शास्त्रियों, और फरीसियों, तुम पर हाय, तुम कटोरे और थाली को ऊपर ऊपर से तो मांजते हो परन्तु वे भीतर अन्धेर असंयम से भरे हुए हैं।
Matthew 15:19
क्योंकि कुचिन्ता, हत्या, पर स्त्रीगमन, व्यभिचार, चोरी, झूठी गवाही और निन्दा मन ही से निकलतीं है।
Ezekiel 38:10
परमेश्वर यहोवा यों कहता है, उस दिन तेरे मन में ऐसी ऐसी बातें आएंगी कि तू एक बुरी युक्ति भी निकालेगा;
Genesis 6:5
और यहोवा ने देखा, कि मनुष्यों की बुराई पृथ्वी पर बढ़ गई है, और उनके मन के विचार में जो कुछ उत्पन्न होता है सो निरन्तर बुरा ही होता है।
Genesis 8:21
इस पर यहोवा ने सुखदायक सुगन्ध पाकर सोचा, कि मनुष्य के कारण मैं फिर कभी भूमि को शाप न दूंगा, यद्यपि मनुष्य के मन में बचपन से जो कुछ उत्पन्न होता है सो बुरा ही होता है; तौभी जैसा मैं ने सब जीवों को अब मारा है, वैसा उन को फिर कभी न मारूंगा।
Job 14:4
अशुद्ध वस्तु से शुद्ध वस्तु को कौन निकाल सकता है? कोई नहीं।
Job 15:14
मनुष्य है क्या कि वह निष्कलंक हो? और जो स्त्री से उत्पन्न हुआ वह है क्या कि निर्दोष हो सके?
Job 25:4
फिर मनुष्य ईश्वर की दृष्टि में धमीं क्योंकर ठहर सकता है? और जो स्त्री से उत्पन्न हुआ है वह क्योंकर निर्मल हो सकता है?
Psalm 14:1
मूर्ख ने अपने मन में कहा है, कोई परमेश्वर है ही नहीं। वे बिगड़ गए, उन्होंने घिनौने काम किए हैं, कोई सुकर्मी नहीं।
Psalm 14:3
वे सब के सब भटक गए, वे सब भ्रष्ट हो गए; कोई सुकर्मी नहीं, एक भी नहीं।
Psalm 53:1
मूढ़ ने अपने मन में कहा है, कि कोई परमेश्वर है ही नहीं। वे बिगड़ गए, उन्होंने कुटिलता के घिनौने काम किए हैं; कोई सुकर्मी नहीं॥
Psalm 53:3
वे सब के सब हट गए; सब एक साथ बिगड़ गए; कोई सुकर्मी नहीं, एक भी नहीं॥ क्या उन सब अनर्थकारियों को कुछ भी ज्ञान नहीं?
Psalm 58:2
नहीं, तुम मन ही मन में कुटिल काम करते हो; तुम देश भर में उपद्रव करते जाते हो॥
Proverbs 4:23
सब से अधिक अपने मन की रक्षा कर; क्योंकि जीवन का मूल स्रोत वही है।
Proverbs 15:25
यहोवा अहंकारियों के घर को ढा देता है, परन्तु विधवा के सिवाने को अटल रखता है।
Isaiah 59:7
वे बुराई करने को दौड़ते हैं, और निर्दोष की हत्या करने को तत्पर रहते हैं; उनकी युक्तियां व्यर्थ हैं, उजाड़ और विनाश ही उनके मार्गों में हैं।
Titus 3:3
क्योंकि हम भी पहिले, निर्बुद्धि, और आज्ञा न मानने वाले, और भ्रम में पड़े हुए, और रंग रंग के अभिलाषाओं और सुखविलास के दासत्व में थे, और बैरभाव, और डाह करने में जीवन निर्वाह करते थे, और घृणित थे, और एक दूसरे से बैर रखते थे।