Hebrews 10:25
और एक दूसरे के साथ इकट्ठा होना ने छोड़ें, जैसे कि कितनों की रीति है, पर एक दूसरे को समझाते रहें; और ज्यों ज्यों उस दिन को निकट आते देखो, त्यों त्यों और भी अधिक यह किया करो॥
Hebrews 10:25 in Other Translations
King James Version (KJV)
Not forsaking the assembling of ourselves together, as the manner of some is; but exhorting one another: and so much the more, as ye see the day approaching.
American Standard Version (ASV)
not forsaking our own assembling together, as the custom of some is, but exhorting `one another'; and so much the more, as ye see the day drawing nigh.
Bible in Basic English (BBE)
Not giving up our meetings, as is the way of some, but keeping one another strong in faith; and all the more because you see the day coming near.
Darby English Bible (DBY)
not forsaking the assembling of ourselves together, as the custom [is] with some; but encouraging [one another], and by so much the more as ye see the day drawing near.
World English Bible (WEB)
not forsaking our own assembling together, as the custom of some is, but exhorting one another; and so much the more, as you see the Day approaching.
Young's Literal Translation (YLT)
not forsaking the assembling of ourselves together, as a custom of certain `is', but exhorting, and so much the more as ye see the day coming nigh.
| Not | μὴ | mē | may |
| forsaking | ἐγκαταλείποντες | enkataleipontes | ayng-ka-ta-LEE-pone-tase |
| the | τὴν | tēn | tane |
| assembling together, | ἐπισυναγωγὴν | episynagōgēn | ay-pee-syoo-na-goh-GANE |
| of ourselves | ἑαυτῶν | heautōn | ay-af-TONE |
| as | καθὼς | kathōs | ka-THOSE |
| the manner | ἔθος | ethos | A-those |
| of some | τισίν | tisin | tee-SEEN |
| is; but | ἀλλὰ | alla | al-LA |
| exhorting | παρακαλοῦντες | parakalountes | pa-ra-ka-LOON-tase |
| one another: and | καὶ | kai | kay |
| so much | τοσούτῳ | tosoutō | toh-SOO-toh |
| more, the | μᾶλλον | mallon | MAHL-lone |
| as | ὅσῳ | hosō | OH-soh |
| ye see | βλέπετε | blepete | VLAY-pay-tay |
| the | ἐγγίζουσαν | engizousan | ayng-GEE-zoo-sahn |
| day | τὴν | tēn | tane |
| approaching. | ἡμέραν | hēmeran | ay-MAY-rahn |
Cross Reference
Acts 2:42
और वे प्रेरितों से शिक्षा पाने, और संगति रखने में और रोटी तोड़ने में और प्रार्थना करने में लौलीन रहे॥
Hebrews 3:13
वरन जिस दिन तक आज का दिन कहा जाता है, हर दिन एक दूसरे को समझाते रहो, ऐसा न हो, कि तुम में से कोई जन पाप के छल में आकर कठोर हो जाए।
Matthew 18:20
क्योंकि जहां दो या तीन मेरे नाम पर इकट्ठे होते हैं वहां मैं उन के बीच में होता हूं॥
1 Thessalonians 5:11
इस कारण एक दूसरे को शान्ति दो, और एक दूसरे की उन्नति के कारण बनो, निदान, तुम ऐसा करते भी हो॥
Hebrews 10:24
और प्रेम, और भले कामों में उक्साने के लिये एक दूसरे की चिन्ता किया करें।
1 Thessalonians 4:18
सो इन बातों से एक दूसरे को शान्ति दिया करो॥
1 Corinthians 5:4
कि जब तुम, और मेरी आत्मा, हमारे प्रभु यीशु की सामर्थ के साथ इकट्ठे हो, तो ऐसा मनुष्य, हमारे प्रभु यीशु के नाम से।
Acts 20:7
सप्ताह के पहिले दिन जब हम रोटी तोड़ने के लिये इकट्ठे हुए, तो पौलुस ने जो दूसरे दिन चले जाने पर था, उन से बातें की, और आधी रात तक बातें करता रहा।
Acts 2:1
जब पिन्तेकुस का दिन आया, तो वे सब एक जगह इकट्ठे थे।
John 20:19
उसी दिन जो सप्ताह का पहिला दिन था, सन्ध्या के समय जब वहां के द्वार जहां चेले थे, यहूदियों के डर के मारे बन्द थे, तब यीशु आया और बीच में खड़ा होकर उन से कहा, तुम्हें शान्ति मिले।
1 Corinthians 11:17
परन्तु यह आज्ञा देते हुए, मैं तुम्हें नहीं सराहता, इसलिये कि तुम्हारे इकट्ठे होने से भलाई नहीं, परन्तु हानि होती है।
Acts 1:13
और जब वहां पहुंचे तो वे उस अटारी पर गए, जहां पतरस और यूहन्ना और याकूब और अन्द्रियास और फिलेप्पुस और थोमा और बरतुलमाई और मत्ती और हलफई का पुत्र याकूब और शमौन जेलोतेस और याकूब का पुत्र यहूदा रहते थे।
Acts 16:16
जब हम प्रार्थना करने की जगह जा रहे थे, तो हमें एक दासी मिली जिस में भावी कहने वाली आत्मा थी; और भावी कहने से अपने स्वामियों के लिये बहुत कुछ कमा लाती थी।
Romans 12:8
जो उपदेशक हो, वह उपदेश देने में लगा रहे; दान देनेवाला उदारता से दे, जो अगुआई करे, वह उत्साह से करे, जो दया करे, वह हर्ष से करे।
Romans 13:11
और समय को पहिचान कर ऐसा ही करो, इसलिये कि अब तुम्हारे लिये नींद से जाग उठने की घड़ी आ पहुंची है, क्योंकि जिस समय हम ने विश्वास किया था, उस समय के विचार से अब हमारा उद्धार निकट है।
Matthew 24:33
इसी रीति से जब तुम इन सब बातों को देखो, तो जान लो, कि वह निकट है, वरन द्वार ही पर है।
Mark 13:29
इसी रीति से जब तुम इन बातों को होते देखो, तो जान लो, कि वह निकट है वरन द्वार ही पर है।
2 Peter 3:9
प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के विषय में देर नहीं करता, जैसी देर कितने लोग समझते हैं; पर तुम्हारे विषय में धीरज धरता है, और नहीं चाहता, कि कोई नाश हो; वरन यह कि सब को मन फिराव का अवसर मिले।
Jude 1:19
ये तो वे हैं, जो फूट डालते हैं; ये शारीरिक लोग हैं, जिन में आत्मा नहीं।
1 Corinthians 3:13
तो हर एक का काम प्रगट हो जाएगा; क्योंकि वह दिन उसे बताएगा; इसलिये कि आग के साथ प्रगट होगा: और वह आग हर एक का काम परखेगी कि कैसा है।
1 Corinthians 11:20
सो तुम जो एक जगह में इकट्ठे होते हो तो यह प्रभु भोज खाने के लिये नहीं।
1 Corinthians 14:3
परन्तु जो भविष्यद्वाणी करता है, वह मनुष्यों से उन्नति, और उपदेश, और शान्ति की बातें कहता है।
1 Corinthians 14:23
सो यदि कलीसिया एक जगह इकट्ठी हो, और सब के सब अन्य अन्य भाषा बोलें, और अनपढ़े या अविश्वासी लोग भीतर आ जाएं तो क्या वे तुम्हें पागल न कहेंगे?
Philippians 4:5
तुम्हारी कोमलता सब मनुष्यों पर प्रगट हो: प्रभु निकट है।
James 5:8
तुम भी धीरज धरो, और अपने हृदय को दृढ़ करो, क्योंकि प्रभु का शुभागमन निकट है।
2 Peter 3:14
इसलिये, हे प्रियो, जब कि तुम इन बातों की आस देखते हो तो यत्न करो कि तुम शान्ति से उसके साम्हने निष्कलंक और निर्दोष ठहरो।
1 Peter 4:7
सब बातों का अन्त तुरन्त होने वाला है; इसलिये संयमी होकर प्रार्थना के लिये सचेत रहो।
2 Peter 3:11
तो जब कि ये सब वस्तुएं, इस रीति से पिघलने वाली हैं, तो तुम्हें पवित्र चाल चलन और भक्ति में कैसे मनुष्य होना चाहिए।