Genesis 47:27
और इस्राएली मिस्र के गोशेन देश में रहने लगे; और वहां की भूमि को अपने वश में कर लिया, और फूले-फले, और अत्यन्त बढ़ गए॥
Genesis 47:27 in Other Translations
King James Version (KJV)
And Israel dwelt in the land of Egypt, in the country of Goshen; and they had possessions therein, and grew, and multiplied exceedingly.
American Standard Version (ASV)
And Israel dwelt in the land of Egypt, in the land of Goshen; and they gat them possessions therein, and were fruitful, and multiplied exceedingly.
Bible in Basic English (BBE)
And so Israel was living among the Egyptians in the land of Goshen; and they got property there, and became very great in numbers and in wealth.
Darby English Bible (DBY)
And Israel dwelt in the land of Egypt, in the land of Goshen; and they had possessions in it, and were fruitful and multiplied exceedingly.
Webster's Bible (WBT)
And Israel dwelt in the land of Egypt, in the country of Goshen; and they had possessions in it and grew, and multiplied exceedingly.
World English Bible (WEB)
Israel lived in the land of Egypt, in the land of Goshen; and they got themselves possessions therein, and were fruitful, and multiplied exceedingly.
Young's Literal Translation (YLT)
And Israel dwelleth in the land of Egypt, in the land of Goshen, and they have possession in it, and are fruitful, and multiply exceedingly;
| And Israel | וַיֵּ֧שֶׁב | wayyēšeb | va-YAY-shev |
| dwelt | יִשְׂרָאֵ֛ל | yiśrāʾēl | yees-ra-ALE |
| in the land | בְּאֶ֥רֶץ | bĕʾereṣ | beh-EH-rets |
| Egypt, of | מִצְרַ֖יִם | miṣrayim | meets-RA-yeem |
| in the country | בְּאֶ֣רֶץ | bĕʾereṣ | beh-EH-rets |
| Goshen; of | גֹּ֑שֶׁן | gōšen | ɡOH-shen |
| and they had possessions | וַיֵּאָֽחֲז֣וּ | wayyēʾāḥăzû | va-yay-ah-huh-ZOO |
| grew, and therein, | בָ֔הּ | bāh | va |
| and multiplied | וַיִּפְר֥וּ | wayyiprû | va-yeef-ROO |
| exceedingly. | וַיִּרְבּ֖וּ | wayyirbû | va-yeer-BOO |
| מְאֹֽד׃ | mĕʾōd | meh-ODE |
Cross Reference
Exodus 1:7
और इस्राएल की सन्तान फूलने फलने लगी; और वे अत्यन्त सामर्थी बनते चले गए; और इतना बढ़ गए कि कुल देश उन से भर गया॥
Genesis 46:3
उसने कहा, मैं ईश्वर तेरे पिता का परमेश्वर हूं, तू मिस्र में जाने से मत डर; क्योंकि मैं तुझ से वहां एक बड़ी जाति बनाऊंगा।
Acts 7:17
परन्तु जब उस प्रतिज्ञा के पूरे होने का समय निकट आया, तो परमेश्वर ने इब्राहीम से की थी, तो मिसर में वे लोग बढ़ गए; और बहुत हो गए।
Deuteronomy 26:5
तब तू अपने परमेश्वर यहोवा से इस प्रकार कहना, कि मेरा मूलपुरूष एक अरामी मनुष्य था जो मरने पर था; और वह अपने छोटे से परिवार समेत मिस्र को गया, और वहां परदेशी हो कर रहा; और वहाँ उस से एक बड़ी, और सामर्थी, और बहुत मनुष्यों से भरी हुई जाति उत्पन्न हुई।
Genesis 26:4
और मैं तेरे वंश को आकाश के तारागण के समान करूंगा। और मैं तेरे वंश को ये सब देश दूंगा, और पृथ्वी की सारी जातियां तेरे वंश के कारण अपने को धन्य मानेंगी।
Zechariah 10:8
मैं सीटी बजाकर उन को इकट्ठा करूंगा, क्योंकि मैं उनका छुड़ाने वाला हूं, और वे ऐसे बढ़ेंगे जैसे पहले बढ़े थे।
Psalm 107:38
और वह उन को ऐसी आशीष देता है कि वे बहुत बढ़ जाते हैं, और उनके पशुओं को भी वह घटने नहीं देता॥
Psalm 105:24
तब उसने अपनी प्रजा को गिनती में बहुत बढ़ाया, और उसके द्रोहियों से अधिक बलवन्त किया।
Nehemiah 9:23
फिर तू ने उनकी सन्तान को आकाश के तारों के समान बढ़ा कर उन्हें उस देश में पहुंचा दिया, जिसके विषय तू ने उनके पूर्वजों से कहा था; कि वे उस में जा कर उसके अधिकारी हो जाएंगे।
Deuteronomy 10:22
तेरे पुरखा जब मिस्र में गए तब सत्तर ही मनुष्य थे; परन्तु अब तेरे परमेश्वर यहोवा ने तेरी गिनती आकाश के तारों के समान बहुत कर दिया है॥
Exodus 1:12
पर ज्यों ज्यों वे उन को दु:ख देते गए त्यों त्यों वे बढ़ते और फैलते चले गए; इसलिये वे इस्राएलियों से अत्यन्त डर गए।
Genesis 28:14
और तेरा वंश भूमि की धूल के किनकों के समान बहुत होगा, और पच्छिम, पूरब, उत्तर, दक्खिन, चारों ओर फैलता जाएगा: और तेरे और तेरे वंश के द्वारा पृथ्वी के सारे कुल आशीष पाएंगे।
Genesis 17:6
और मैं तुझे अत्यन्त ही फुलाऊं फलाऊंगा, और तुझ को जाति जाति का मूल बना दूंगा, और तेरे वंश में राजा उत्पन्न होंगे।
Genesis 13:16
और मैं तेरे वंश को पृथ्वी की धूल के किनकों की नाईं बहुत करूंगा, यहां तक कि जो कोई पृथ्वी की धूल के किनकों को गिन सकेगा वही तेरा वंश भी गिन सकेगा।
Genesis 8:9
उस कबूतरी को अपने पैर के तले टेकने के लिये कोई आधार ने मिला, सो वह उसके पास जहाज में लौट आई: क्योंकि सारी पृथ्वी के ऊपर जल ही जल छाया था तब उसने हाथ बढ़ा कर उसे अपने पास जहाज में ले लिया।
Genesis 8:7
वह जब तक जल पृथ्वी पर से सूख न गया, तब तक कौआ इधर उधर फिरता रहा।