Ezekiel 33:31 in Hindi

Hindi Hindi Bible Ezekiel Ezekiel 33 Ezekiel 33:31

Ezekiel 33:31
वे प्रजा की नाईं तेरे पास आते और मेरी प्रजा बन कर तेरे साम्हने बैठ कर तेरे वचन सुनते हैं, परन्तु वे उन पर चलते नहीं; मुंह से तो वे बहुत प्रेम दिखाते हैं, परन्तु उनका मन लालच ही में लगा रहता है।

Ezekiel 33:30Ezekiel 33Ezekiel 33:32

Ezekiel 33:31 in Other Translations

King James Version (KJV)
And they come unto thee as the people cometh, and they sit before thee as my people, and they hear thy words, but they will not do them: for with their mouth they shew much love, but their heart goeth after their covetousness.

American Standard Version (ASV)
And they come unto thee as the people cometh, and they sit before thee as my people, and they hear thy words, but do them not; for with their mouth they show much love, but their heart goeth after their gain.

Bible in Basic English (BBE)
And they come to you as my people come, and are seated before you as my people, hearing your words but doing them not: for deceit is in their mouth and their heart goes after profit for themselves.

Darby English Bible (DBY)
And they come unto thee as a people cometh, and they sit before thee [as] my people, and they hear thy words, but they do them not; for with their mouth they shew much love, [but] their heart goeth after their dishonest gain.

World English Bible (WEB)
They come to you as the people comes, and they sit before you as my people, and they hear your words, but don't do them; for with their mouth they show much love, but their heart goes after their gain.

Young's Literal Translation (YLT)
And they come in unto thee as the coming in of a people, And they sit before thee -- My people, And have heard thy words, and they do them not, For doting loves with their mouth they are making, After their dishonest gain their heart is going.

And
they
come
וְיָב֣וֹאוּwĕyābôʾûveh-ya-VOH-oo
unto
אֵ֠לֶיךָʾēlêkāA-lay-ha
people
the
as
thee
כִּמְבוֹאkimbôʾkeem-VOH
cometh,
עָ֞םʿāmam
sit
they
and
וְיֵשְׁב֤וּwĕyēšĕbûveh-yay-sheh-VOO
before
לְפָנֶ֙יךָ֙lĕpānêkāleh-fa-NAY-HA
people,
my
as
thee
עַמִּ֔יʿammîah-MEE
and
they
hear
וְשָֽׁמְעוּ֙wĕšāmĕʿûveh-sha-meh-OO

אֶתʾetet
words,
thy
דְּבָרֶ֔יךָdĕbārêkādeh-va-RAY-ha
but
they
will
not
וְאוֹתָ֖םwĕʾôtāmveh-oh-TAHM
do
לֹ֣אlōʾloh
them:
for
יַֽעֲשׂ֑וּyaʿăśûya-uh-SOO
with
their
mouth
כִּֽיkee
they
עֲגָבִ֤יםʿăgābîmuh-ɡa-VEEM
shew
בְּפִיהֶם֙bĕpîhembeh-fee-HEM
much
love,
הֵ֣מָּהhēmmâHAY-ma
heart
their
but
עֹשִׂ֔יםʿōśîmoh-SEEM
goeth
אַחֲרֵ֥יʾaḥărêah-huh-RAY
after
בִצְעָ֖םbiṣʿāmveets-AM
their
covetousness.
לִבָּ֥םlibbāmlee-BAHM
הֹלֵֽךְ׃hōlēkhoh-LAKE

Cross Reference

Matthew 13:22
जो झाड़ियों में बोया गया, यह वह है, जो वचन को सुनता है, पर इस संसार की चिन्ता और धन का धोखा वचन को दबाता है, और वह फल नहीं लाता।

Isaiah 29:13
और प्रभु ने कहा, ये लोग जो मुंह से मेरा आदर करते हुए समीप आते परन्तु अपना मन मुझ से दूर रखते हैं, और जो केवल मनुष्यों की आज्ञा सुन सुनकर मेरा भय मानते हैं।

Psalm 78:36
तौभी उन्होंने उससे चापलूसी की; वे उससे झूठ बोले।

James 1:22
परन्तु वचन पर चलने वाले बनो, और केवल सुनने वाले ही नहीं जो अपने आप को धोखा देते हैं।

Luke 11:28
उस ने कहा, हां; परन्तु धन्य वे हैं, जो परमेश्वर का वचन सुनते और मानते हैं॥

Isaiah 28:13
इसलिये यहोवा का वचन उनके पास आज्ञा पर आज्ञा, आज्ञा पर आज्ञा, नियम पर नियम, नियम पर नियम है, थोड़ा यहां, थोड़ा वहां, जिस से वे ठोकर खाकर चित्त गिरें और घायल हो जाएं, और फंदे में फंस कर पकड़े जाएं॥

Ezekiel 8:1
फिर छठवें वर्ष के छठवें महीने के पांचवें दिन को जब मैं अपने घर में बैठा था, और यहूदियों के पुरनिये मेरे साम्हने बैठे थे, तब प्रभु यहोवा की शक्ति वहीं मुझ पर प्रगट हुई।

Luke 6:48
वह उस मनुष्य के समान है, जिस ने घर बनाते समय भूमि गहरी खोदकर चट्टान की नेव डाली, और जब बाढ़ आई तो धारा उस घर पर लगी, परन्तु उसे हिला न सकी; क्योंकि वह पक्का बना था।

James 2:14
हे मेरे भाइयों, यदि कोई कहे कि मुझे विश्वास है पर वह कर्म न करता हो, तो उस से क्या लाभ? क्या ऐसा विश्वास कभी उसका उद्धार कर सकता है?

1 John 3:17
पर जिस किसी के पास संसार की संपत्ति हो और वह अपने भाई को कंगाल देख कर उस पर तरस न खाना चाहे, तो उस में परमेश्वर का प्रेम क्योंकर बना रह सकता है?

1 Timothy 6:9
पर जो धनी होना चाहते हैं, वे ऐसी परीक्षा, और फंदे और बहुतेरे व्यर्थ और हानिकारक लालसाओं में फंसते हैं, जो मनुष्यों को बिगाड़ देती हैं और विनाश के समुद्र में डूबा देती हैं।

Ephesians 5:5
क्योंकि तुम यह जानते हो, कि किसी व्यभिचारी, या अशुद्ध जन, या लोभी मनुष्य की, जो मूरत पूजने वाले के बराबर है, मसीह और परमेश्वर के राज्य में मीरास नहीं।

Acts 10:33
तब मैं ने तुरन्त तेरे पास लोग भेजे, और तू ने भला किया, जो आ गया: अब हम सब यहां परमेश्वर के साम्हने हैं, ताकि जो कुछ परमेश्वर ने तुझ से कहा है उसे सुनें।

Luke 16:14
फरीसी जो लोभी थे, ये सब बातें सुन कर उसे ठट्ठों में उड़ाने लगे।

Luke 12:15
और उस ने उन से कहा, चौकस रहो, और हर प्रकार के लोभ से अपने आप को बचाए रखो: क्योंकि किसी का जीवन उस की संपत्ति की बहुतायत से नहीं होता।

Jeremiah 6:16
यहोवा यों भी कहता है, सड़कों पर खडे हो कर देखो, और पूछो कि प्राचीनकाल का अच्छा मार्ग कौन सा है, उसी में चलो, और तुम अपने अपने मन में चैन पाओगे। पर उन्होंने कहा, हम उस पर न चलेंगे।

Jeremiah 23:33
यदि साधारण लोगों में से कोई जन वा कोई भविष्यद्वक्ता वा याजक तुम से पूछे कि यहोवा ने क्या प्रभावशाली वचन कहा है, तो उस से कहना, क्या प्रभावशाली वचन? यहोवा की यह वाणी है, मैं तुम को त्याग दूंगा।

Jeremiah 43:1
जब यिर्मयाह उनके परमेश्वर यहोवा के वे सब वचन कह चुका, जिनके कहने के लिये उसने उसको उन सब लोगों के पास भेजा था,

Jeremiah 44:16
जो वचन तू ने हम को यहोवा के नाम से सुनाया है, उसको हम नहीं सुनने के।

Ezekiel 14:1
फिर इस्राएल के कितने पुरनिये मेरे पास आकर मेरे साम्हने बैठ गए।

Ezekiel 20:1
सातवें वर्ष के पांचवें महीने के दसवें दिन को इस्राएल के कितने पुरनिये यहोवा से प्रश्न करने को आए, और मेरे साम्हने बैठ गए।

Ezekiel 22:27
उसके प्रधान हुंड़ारों की नाईं अहेर पकड़ते, और अन्याय से लाभ उठाने के लिये हत्या करते हैं और प्राण घात करने को तत्पर रहते हैं।

Matthew 6:24
कोई मनुष्य दो स्वामियों की सेवा नहीं कर सकता, क्योंकि वह एक से बैर ओर दूसरे से प्रेम रखेगा, वा एक से मिला रहेगा और दूसरे को तुच्छ जानेगा; “तुम परमेश्वर और धन दोनो की सेवा नहीं कर सकते”।

Matthew 7:24
इसलिये जो कोई मेरी ये बातें सुनकर उन्हें मानता है वह उस बुद्धिमान मनुष्य की नाईं ठहरेगा जिस ने अपना घर चट्टान पर बनाया।

Matthew 19:22
परन्तु वह जवान यह बात सुन उदास होकर चला गया, क्योंकि वह बहुत धनी था॥

Luke 8:21
उस ने उसके उत्तर में उन से कहा कि मेरी माता और मेरे भाई ये ही हैं, जो परमेश्वर का वचन सुनते और मानते हैं॥

Luke 10:39
और मरियम नाम उस की एक बहिन थी; वह प्रभु के पांवों के पास बैठकर उसका वचन सुनती थी।

Deuteronomy 5:28
जब तुम मुझ से ये बातें कह रहे थे तब यहोवा ने तुम्हारी बातें सुनीं; तब उसने मुझ से कहा, कि इन लोगों ने जो जो बातें तुझ से कही हैं मैं ने सुनी हैं; इन्होंने जो कुछ कहा वह ठीक ही कहा।