Ezekiel 31:10
इस कारण परमेश्वर यहोवा ने यों कहा है, उसकी ऊंचाई जो बढ़ गई, और उसकी फुनगी जो बादलों तक पहुंची है, और अपनी ऊंचाई के कारण उसका मन जो फूल उठा है,
Ezekiel 31:10 in Other Translations
King James Version (KJV)
Therefore thus saith the Lord GOD; Because thou hast lifted up thyself in height, and he hath shot up his top among the thick boughs, and his heart is lifted up in his height;
American Standard Version (ASV)
Therefore thus said the Lord Jehovah: Because thou art exalted in stature, and he hath set his top among the thick boughs, and his heart is lifted up in his height;
Bible in Basic English (BBE)
For this cause the Lord has said: Because he is tall, and has put his top among the clouds, and his heart is full of pride because he is so high,
Darby English Bible (DBY)
Therefore thus saith the Lord Jehovah: Because thou hast lifted up thyself in stature, ... and he hath set his top amidst the thick boughs, and his heart is lifted up in his height,
World English Bible (WEB)
Therefore thus said the Lord Yahweh: Because you are exalted in stature, and he has set his top among the thick boughs, and his heart is lifted up in his height;
Young's Literal Translation (YLT)
Therefore, thus said the Lord Jehovah: Because that thou hast been high in stature, And he yieldeth his foliage between thickets, And high is his heart in his haughtiness,
| Therefore | לָכֵ֗ן | lākēn | la-HANE |
| thus | כֹּ֤ה | kō | koh |
| saith | אָמַר֙ | ʾāmar | ah-MAHR |
| the Lord | אֲדֹנָ֣י | ʾădōnāy | uh-doh-NAI |
| God; | יְהוִ֔ה | yĕhwi | yeh-VEE |
| Because | יַ֕עַן | yaʿan | YA-an |
| אֲשֶׁ֥ר | ʾăšer | uh-SHER | |
| up lifted hast thou | גָּבַ֖הְתָּ | gābahtā | ɡa-VA-ta |
| thyself in height, | בְּקוֹמָ֑ה | bĕqômâ | beh-koh-MA |
| up shot hath he and | וַיִּתֵּ֤ן | wayyittēn | va-yee-TANE |
| his top | צַמַּרְתּוֹ֙ | ṣammartô | tsa-mahr-TOH |
| among | אֶל | ʾel | el |
| בֵּ֣ין | bên | bane | |
| the thick boughs, | עֲבוֹתִ֔ים | ʿăbôtîm | uh-voh-TEEM |
| heart his and | וְרָ֥ם | wĕrām | veh-RAHM |
| is lifted up | לְבָב֖וֹ | lĕbābô | leh-va-VOH |
| in his height; | בְּגָבְהֽוֹ׃ | bĕgobhô | beh-ɡove-HOH |
Cross Reference
Daniel 5:20
परन्तु जब उसका मन फूल उठा, और उसकी आत्मा कठोर हो गई, यहां तक कि वह अभिमान करने लगा, तब वह अपने राजसिंहासन पर से उतारा गया, और उसकी प्रतिष्ठा भंग की गई;
Ezekiel 28:17
सुन्दरता के कारण तेरा मन फूल उठा था; और वैभव के कारण तेरी बुद्धि बिगड़ गई थी। मैं ने तुझे भूमि पर पटक दिया; और राजाओं के साम्हने तुझे रखा कि वे तुझ को देखें।
2 Chronicles 32:25
परन्तु हिजकिय्याह ने उस उपकार का बदला न दिया, क्योंकि उसका मन फूल उठा था। इस कारण उसका कोप उस पर और यहूदा और यरूशलेम पर भड़का।
James 4:6
वह तो और भी अनुग्रह देता है; इस कारण यह लिखा है, कि परमेश्वर अभिमानियों से विरोध करता है, पर दीनों पर अनुग्रह करता है।
Matthew 23:12
जो कोई अपने आप को बड़ा बनाएगा, वह छोटा किया जाएगा: और जो कोई अपने आप को छोटा बनाएगा, वह बड़ा किया जाएगा॥
Obadiah 1:3
हे पहाड़ों की दरारों में बसने वाले, हे ऊंचे स्थान में रहने वाले, तेरे अभिमान ने तुझे धोखा दिया है; तू मन में कहता है,
Daniel 4:30
क्या यह बड़ा बाबुल नहीं है, जिसे मैं ही ने अपने बल और सामर्थ से राजनिवास होने को और अपने प्रताप की बड़ाई के लिये बसाया है?
Ezekiel 31:14
यह इसलिये हुआ है कि जल के पास के सब वृक्षों में से कोई अपनी ऊंचाई न बढ़ाए, न अपनी फुनगी को बादलों तक पहुंचाए, और उन में से जितने जल पाकर दृढ़ हो गए हैं वे ऊंचे होने के कारण सिर न उठाएं; क्योंकि वे भी सब के सब कबर में गड़े हुए मनुष्यों के समान मृत्यु के वश कर के अधोलोक में डाल दिए जाएंगे।
Isaiah 14:13
तू मन में कहता तो था कि मैं स्वर्ग पर चढूंगा; मैं अपने सिंहासन को ईश्वर के तारागण से अधिक ऊंचा करूंगा; और उत्तर दिशा की छोर पर सभा के पर्वत पर बिराजूंगा;
Isaiah 10:12
इस कारण जब प्रभु सिय्योन पर्वत पर और यरूशलेम में अपना सब काम कर चुकेगा, तब मैं अश्शूर के राजा के गर्व की बातों का, और उसकी घमण्ड भरी आंखों का पलटा दूंगा।
Proverbs 18:12
नाश होने से पहिले मनुष्य के मन में घमण्ड, और महिमा पाने से पहिले नम्रता होती है।
Proverbs 16:18
विनाश से पहिले गर्व, और ठोकर खाने से पहिले घमण्ड होता है।
Job 11:11
क्योंकि वह पाखण्डी मनुष्यों का भेद जानता है, और अनर्थ काम को बिना सोच विचार किए भी जान लेता है।
2 Chronicles 25:19
तू कहता है, कि मैं ने एदोमियों को जीत लिया है; इस कारण तू फूल उठा और बड़ाई मारता है! अपने घर में रह जा; तू अपनी हानि के लिये यहां क्यों हाथ डालता है, इस से तू क्या, वरन यहूदा भी नीचा खाएगा।