Acts 17:3
और उन का अर्थ खोल खोलकर समझाता था, कि मसीह को दुख उठाना, और मरे हुओं में से जी उठना, अवश्य था; और यही यीशु जिस की मैं तुम्हें कथा सुनाता हूं, मसीह है।
Acts 17:3 in Other Translations
King James Version (KJV)
Opening and alleging, that Christ must needs have suffered, and risen again from the dead; and that this Jesus, whom I preach unto you, is Christ.
American Standard Version (ASV)
opening and alleging that it behooved the Christ to suffer, and to rise again from the dead; and that this Jesus, whom, `said he,' I proclaim unto you, is the Christ.
Bible in Basic English (BBE)
Saying to them clearly and openly that Christ had to be put to death and come back to life again; and that this Jesus, whom, he said, I am preaching to you, is the Christ.
Darby English Bible (DBY)
opening and laying down that the Christ must have suffered and risen up from among the dead, and that this is the Christ, Jesus whom *I* announce to you.
World English Bible (WEB)
explaining and demonstrating that the Christ had to suffer and rise again from the dead, and saying, "This Jesus, whom I proclaim to you, is the Christ."
Young's Literal Translation (YLT)
opening and alleging, `That the Christ it behoved to suffer, and to rise again out of the dead, and that this is the Christ -- Jesus whom I proclaim to you.'
| Opening | διανοίγων | dianoigōn | thee-ah-NOO-gone |
| and | καὶ | kai | kay |
| alleging, | παρατιθέμενος | paratithemenos | pa-ra-tee-THAY-may-nose |
| that | ὅτι | hoti | OH-tee |
| τὸν | ton | tone | |
| Christ | Χριστὸν | christon | hree-STONE |
| needs must | ἔδει | edei | A-thee |
| have suffered, | παθεῖν | pathein | pa-THEEN |
| and | καὶ | kai | kay |
| risen again | ἀναστῆναι | anastēnai | ah-na-STAY-nay |
| from | ἐκ | ek | ake |
| dead; the | νεκρῶν | nekrōn | nay-KRONE |
| and | καὶ | kai | kay |
| that | ὅτι | hoti | OH-tee |
| this | οὗτός | houtos | OO-TOSE |
| Jesus, | ἐστιν | estin | ay-steen |
| whom | ὁ | ho | oh |
| I | Χριστός | christos | hree-STOSE |
| preach | Ἰησοῦς | iēsous | ee-ay-SOOS |
| unto you, | ὃν | hon | one |
| is | ἐγὼ | egō | ay-GOH |
| καταγγέλλω | katangellō | ka-tahng-GALE-loh | |
| Christ. | ὑμῖν | hymin | yoo-MEEN |
Cross Reference
Acts 18:28
क्योंकि वह पवित्र शास्त्र से प्रमाण दे देकर, कि यीशु ही मसीह है; बड़ी प्रबलता से यहूदियों को सब के साम्हने निरूत्तर करता रहा॥
Acts 9:22
परन्तु शाऊल और भी सामर्थी होता गया, और इस बात का प्रमाण दे देकर कि मसीह यही है, दमिश्क के रहने वाले यहूदियों का मुंह बन्द करता रहा॥
Acts 3:18
परन्तु जिन बातों को परमेश्वर ने सब भविष्यद्वक्ताओं के मुख से पहिले ही बताया था, कि उसका मसीह दु:ख उठाएगा; उन्हें उस ने इस रीति से पूरी किया।
Luke 24:46
और उन से कहा, यों लिखा है; कि मसीह दु:ख उठाएगा, और तीसरे दिन मरे हुओं में से जी उठेगा।
Luke 24:32
उन्होंने आपस में कहा; जब वह मार्ग में हम से बातें करता था, और पवित्र शास्त्र का अर्थ हमें समझाता था, तो क्या हमारे मन में उत्तेजना न उत्पन्न हुई?
1 Thessalonians 1:5
क्योंकि हमारा सुसमाचार तुम्हारे पास न केवल वचन मात्र ही में वरन सामर्थ और पवित्र आत्मा, और बड़े निश्चय के साथ पहुंचा है; जैसा तुम जानते हो, कि हम तुम्हारे लिये तुम में कैसे बन गए थे।
Galatians 3:1
हे निर्बुद्धि गलतियों, किस ने तुम्हें मोह लिया है? तुम्हारी तो मानों आंखों के साम्हने यीशु मसीह क्रूस पर दिखाया गया!
1 Corinthians 15:3
इसी कारण मैं ने सब से पहिले तुम्हें वही बात पहुंचा दी, जो मुझे पहुंची थी, कि पवित्र शास्त्र के वचन के अनुसार यीशु मसीह हमारे पापों के लिये मर गया।
Acts 13:26
हे भाइयो, तुम जो इब्राहीम की सन्तान हो; और तुम जो परमेश्वर से डरते हो, तुम्हारे पास इस उद्धार का वचन भेजा गया है।
Acts 3:22
जैसा कि मूसा ने कहा, प्रभु परमेश्वर तुम्हारे भाइयों में से तुम्हारे लिये मुझ सा एक भविष्यद्वक्ता उठाएगा, जो कुछ वह तुम से कहे, उस की सुनना।
Acts 2:16
परन्तु यह वह बात है, जो योएल भविष्यद्वक्ता के द्वारा कही गई है।
Acts 1:4
ओर उन से मिलकर उन्हें आज्ञा दी, कि यरूशलेम को न छोड़ो, परन्तु पिता की उस प्रतिज्ञा के पूरे होने की बाट जोहते रहो, जिस की चर्चा तुम मुझ से सुन चुके हो।
John 20:9
वे तो अब तक पवित्र शास्त्र की वह बात न समझते थे, कि उसे मरे हुओं में से जी उठना होगा।
Luke 24:44
फिर उस ने उन से कहा, ये मेरी वे बातें हैं, जो मैं ने तुम्हारे साथ रहते हुए, तुम से कही थीं, कि अवश्य है, कि जितनी बातें मूसा की व्यवस्था और भविष्यद्वक्ताओं और भजनों की पुस्तकों में, मेरे विषय में लिखी हैं, सब पूरी हों।
Luke 24:26
क्या अवश्य न था, कि मसीह ये दुख उठाकर अपनी महिमा में प्रवेश करे?