1 Thessalonians 2:13 in Hindi

Hindi Hindi Bible 1 Thessalonians 1 Thessalonians 2 1 Thessalonians 2:13

1 Thessalonians 2:13
इसलिये हम भी परमेश्वर का धन्यवाद निरन्तर करते हैं; कि जब हमारे द्वारा परमेश्वर के सुसमाचार का वचन तुम्हारे पास पहुंचा, तो तुम ने उस मनुष्यों का नहीं, परन्तु परमेश्वर का वचन समझकर (और सचमुच यह ऐसा ही है) ग्रहण किया: और वह तुम में जो विश्वास रखते हो, प्रभावशाली है।

1 Thessalonians 2:121 Thessalonians 21 Thessalonians 2:14

1 Thessalonians 2:13 in Other Translations

King James Version (KJV)
For this cause also thank we God without ceasing, because, when ye received the word of God which ye heard of us, ye received it not as the word of men, but as it is in truth, the word of God, which effectually worketh also in you that believe.

American Standard Version (ASV)
And for this cause we also thank God without ceasing, that, when ye received from us the word of the message, `even the word' of God, ye accepted `it' not `as' the word of men, but, as it is in truth, the word of God, which also worketh in you that believe.

Bible in Basic English (BBE)
And for this cause we still give praise to God, that, when the word came to your ears through us, you took it, not as the word of man, but, as it truly is, the word of God, which has living power in you who have faith.

Darby English Bible (DBY)
And for this cause we also give thanks to God unceasingly that, having received [the] word of [the] report of God by us, ye accepted, not men's word, but, even as it is truly, God's word, which also works in you who believe.

World English Bible (WEB)
For this cause we also thank God without ceasing, that, when you received from us the word of the message of God, you accepted it not as the word of men, but, as it is in truth, the word of God, which also works in you who believe.

Young's Literal Translation (YLT)
Because of this also, we -- we do give thanks to God continually, that, having received the word of hearing from us of God, ye accepted, not the word of man, but as it is truly, the word of God, who also doth work in you who believe;

For
cause
διὰdiathee-AH
this
τοῦτοtoutoTOO-toh
also
Καὶkaikay
thank
ἡμεῖςhēmeisay-MEES
we
εὐχαριστοῦμενeucharistoumenafe-ha-ree-STOO-mane

τῷtoh
God
θεῷtheōthay-OH
without
ceasing,
ἀδιαλείπτωςadialeiptōsah-thee-ah-LEE-ptose
because,
ὅτιhotiOH-tee
received
ye
when
παραλαβόντεςparalabontespa-ra-la-VONE-tase
the
word
λόγονlogonLOH-gone
of

ἀκοῆςakoēsah-koh-ASE
God
παρ'parpahr
heard
ye
which
ἡμῶνhēmōnay-MONE
of
τοῦtoutoo
us,
θεοῦtheouthay-OO
received
ye
ἐδέξασθεedexastheay-THAY-ksa-sthay
it
not
οὐouoo
as
the
word
λόγονlogonLOH-gone
men,
of
ἀνθρώπωνanthrōpōnan-THROH-pone
but
ἀλλὰallaal-LA
as
καθώςkathōska-THOSE
it
is
ἐστινestinay-steen
truth,
in
ἀληθῶςalēthōsah-lay-THOSE
the
word
λόγονlogonLOH-gone
of
God,
θεοῦtheouthay-OO
which
ὃςhosose
worketh
effectually
καὶkaikay
also
ἐνεργεῖταιenergeitaiane-are-GEE-tay
in
ἐνenane
you
ὑμῖνhyminyoo-MEEN
that
τοῖςtoistoos
believe.
πιστεύουσινpisteuousinpee-STAVE-oo-seen

Cross Reference

Hebrews 4:12
क्योंकि परमेश्वर का वचन जीवित, और प्रबल, और हर एक दोधारी तलवार से भी बहुत चोखा है, और जीव, और आत्मा को, और गांठ गांठ, और गूदे गूदे को अलग करके, वार पार छेदता है; और मन की भावनाओं और विचारों को जांचता है।

Romans 10:17
सो विश्वास सुनने से, और सुनना मसीह के वचन से होता है।

Galatians 4:14
और तुम ने मेरी शारीरिक दशा को जो तुम्हारी परीक्षा का कारण थी, तुच्छ न जाना; न उस से घृणा की; और परमेश्वर के दूत वरन मसीह के समान मुझे ग्रहण किया।

Acts 17:11
ये लोग तो थिस्सलुनीके के यहूदियोंसे भले थे और उन्होंने बड़ी लालसा से वचन ग्रहण किया, और प्रति दिन पवित्र शास्त्रों में ढूंढ़ते रहे कि ये बातें यों ही हैं, कि नहीं।

2 Peter 1:16
क्योंकि जब हम ने तुम्हें अपने प्रभु यीशु मसीह की सामर्थ का, और आगमन का समाचार दिया था तो वह चतुराई से गढ़ी हुई कहानियों का अनुकरण नहीं किया था वरन हम ने आप ही उसके प्रताप को देखा था।

1 Peter 2:2
नये जन्मे हुए बच्चों की नाईं निर्मल आत्मिक दूध की लालसा करो, ताकि उसके द्वारा उद्धार पाने के लिये बढ़ते जाओ।

1 Peter 1:25
परन्तु प्रभु का वचन युगानुयुग स्थिर रहेगा: और यह ही सुसमाचार का वचन है जो तुम्हें सुनाया गया था॥

1 Peter 1:23
क्योंकि तुम ने नाशमान नहीं पर अविनाशी बीज से परमेश्वर के जीवते और सदा ठहरने वाले वचन के द्वारा नया जन्म पाया है।

Acts 13:48
यह सुनकर अन्यजाति आनन्दित हुए, और परमेश्वर के वचन की बड़ाई करने लगे: और जितने अनन्त जीवन के लिये ठहराए गए थे, उन्होंने विश्वास किया।

2 Corinthians 3:18
परन्तु जब हम सब के उघाड़े चेहरे से प्रभु का प्रताप इस प्रकार प्रगट होता है, जिस प्रकार दर्पण में, तो प्रभु के द्वारा जो आत्मा है, हम उसी तेजस्वी रूप में अंश अंश कर के बदलते जाते हैं॥

Romans 6:17
परन्तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, कि तुम जो पाप के दास थे तौभी मन से उस उपदेश के मानने वाले हो गए, जिस के सांचे में ढाले गए थे।

Romans 1:8
पहिले मैं तुम सब के लिये यीशु मसीह के द्वारा अपने परमेश्वर का धन्यवाद करता हूं, कि तुम्हारे विश्वास की चर्चा सारे जगत में हो रही है।

Jeremiah 23:28
यदि किसी भविष्यद्वक्ता ने स्वप्न देखा हो, तो वह उसे बताए, परन्तु जिस किसी ने मेरा वचन सुना हो तो वह मेरा वचन सच्चाई से सुनाए। यहोवा की यह वाणी है, कहां भूसा और कहां गेहूं?

Colossians 1:6
जो तुम्हारे पास पहुंचा है और जैसा जगत में भी फल लाता, और बढ़ता जाता है; अर्थात जिस दिन से तुम ने उस को सुना, और सच्चाई से परमेश्वर का अनुग्रह पहिचाना है, तुम में भी ऐसा ही करता है।

1 Thessalonians 1:2
हम अपनी प्रार्थनाओं में तुम्हें स्मरण करते और सदा तुम सब के विषय में परमेश्वर का धन्यवाद करते हैं।

1 Thessalonians 1:5
क्योंकि हमारा सुसमाचार तुम्हारे पास न केवल वचन मात्र ही में वरन सामर्थ और पवित्र आत्मा, और बड़े निश्चय के साथ पहुंचा है; जैसा तुम जानते हो, कि हम तुम्हारे लिये तुम में कैसे बन गए थे।

2 Peter 3:2
कि तुम उन बातों को, जो पवित्र भविश्यद्वक्ताओं ने पहिले से कही हैं और प्रभु, और उद्धारकर्ता की उस आज्ञा को स्मरण करो, जो तुम्हारे प्रेरितों के द्वारा दी गई थी।

1 John 3:3
और जो कोई उस पर यह आशा रखता है, वह अपने आप को वैसा ही पवित्र करता है, जैसा वह पवित्र है।

1 John 5:4
क्योंकि जो कुछ परमेश्वर से उत्पन्न हुआ है, वह संसार पर जय प्राप्त करता है, और वह विजय जिस से संसार पर जय प्राप्त होती है हमारा विश्वास है।

Acts 17:32
मरे हुओं के पुनरुत्थान की बात सुनकर कितने तो ठट्ठा करने लगे, और कितनों ने कहा, यह बात हम तुझ से फिर कभी सुनेंगे।

Acts 17:18
तब इपिकूरी और स्तोईकी पण्डितों में से कितने उस से तर्क करने लगे, और कितनों ने कहा, यह बकवादी क्या कहना चाहता है परन्तु औरों ने कहा; वह अन्य देवताओं का प्रचारक मालूम पड़ता है, क्योंकि वह यीशु का, और पुनरुत्थान का सुसमाचार सुनाता था।

Acts 16:30
और उन्हें बाहर लाकर कहा, हे साहिबो, उद्धार पाने के लिये मैं क्या करूं?

Jeremiah 44:16
जो वचन तू ने हम को यहोवा के नाम से सुनाया है, उसको हम नहीं सुनने के।

Matthew 10:13
यदि उस घर के लोग योग्य होंगे तो तुम्हारा कल्याण उन पर पहुंचेगा परन्तु यदि वे योग्य न हों तो तुम्हारा कल्याण तुम्हारे पास लौट आएगा।

Matthew 10:20
क्योंकि बोलने वाले तुम नहीं हो परन्तु तुम्हारे पिता का आत्मा तुम में बोलता है।

Matthew 10:40
जो तुम्हें ग्रहण करता है, वह मुझे ग्रहण करता है; और जो मुझे ग्रहण करता है, वह मेरे भेजने वाले को ग्रहण करता है।

Luke 5:1
जब भीड़ उस पर गिरी पड़ती थी, और परमेश्वर का वचन सुनती थी, और वह गन्नेसरत की झील के किनारे पर खड़ा था, तो ऐसा हुआ।

Luke 8:11
दृष्टान्त यह है; बीज तो परमेश्वर का वचन है।

Luke 8:21
उस ने उसके उत्तर में उन से कहा कि मेरी माता और मेरे भाई ये ही हैं, जो परमेश्वर का वचन सुनते और मानते हैं॥

Luke 11:28
उस ने कहा, हां; परन्तु धन्य वे हैं, जो परमेश्वर का वचन सुनते और मानते हैं॥

John 15:3
तुम तो उस वचन के कारण जो मैं ने तुम से कहा है, शुद्ध हो।

John 17:17
सत्य के द्वारा उन्हें पवित्र कर: तेरा वचन सत्य है।

John 17:19
और उन के लिये मैं अपने आप को पवित्र करता हूं ताकि वे भी सत्य के द्वारा पवित्र किए जाएं।

Acts 2:41
सो जिन्हों ने उसका वचन ग्रहण किया उन्होंने बपतिस्मा लिया; और उसी दिन तीन हजार मनुष्यों के लगभग उन में मिल गए।

Acts 8:14
जब प्रेरितों ने जो यरूशलेम में थे सुना कि सामरियों ने परमेश्वर का वचन मान लिया है तो पतरस और यूहन्ना को उन के पास भेजा।

Acts 10:33
तब मैं ने तुरन्त तेरे पास लोग भेजे, और तू ने भला किया, जो आ गया: अब हम सब यहां परमेश्वर के साम्हने हैं, ताकि जो कुछ परमेश्वर ने तुझ से कहा है उसे सुनें।

Acts 13:44
अगले सब्त के दिन नगर के प्राय: सब लोग परमेश्वर का वचन सुनने को इकट्ठे हो गए।

Acts 16:14
और लुदिया नाम थुआथीरा नगर की बैंजनी कपड़े बेचने वाली एक भक्त स्त्री सुनती थी, और प्रभु ने उसका मन खोला, ताकि पौलुस की बातों पर चित्त लगाए।

James 1:18
उस ने अपनी ही इच्छा से हमें सत्य के वचन के द्वारा उत्पन्न किया, ताकि हम उस की सृष्टि की हुई वस्तुओं में से एक प्रकार के प्रथम फल हों॥