1 Corinthians 15:10
परन्तु मैं जो कुछ भी हूं, परमेश्वर के अनुग्रह से हूं: और उसका अनुग्रह जो मुझ पर हुआ, वह व्यर्थ नहीं हुआ परन्तु मैं ने उन सब से बढ़कर परिश्रम भी किया: तौभी यह मेरी ओर से नहीं हुआ परन्तु परमेश्वर के अनुग्रह से जो मुझ पर था।
1 Corinthians 15:10 in Other Translations
King James Version (KJV)
But by the grace of God I am what I am: and his grace which was bestowed upon me was not in vain; but I laboured more abundantly than they all: yet not I, but the grace of God which was with me.
American Standard Version (ASV)
But by the grace of God I am what I am: and his grace which was bestowed upon me was not found vain; but I labored more abundantly than they all: yet not I, but the grace of God which was with me.
Bible in Basic English (BBE)
But by the grace of God, I am what I am: and his grace which was given to me has not been for nothing; for I did more work than all of them; though not I, but the grace of God which was with me.
Darby English Bible (DBY)
But by God's grace I am what I am; and his grace, which [was] towards me, has not been vain; but I have laboured more abundantly than they all, but not *I*, but the grace of God which [was] with me.
World English Bible (WEB)
But by the grace of God I am what I am. His grace which was bestowed on me was not futile, but I worked more than all of them; yet not I, but the grace of God which was with me.
Young's Literal Translation (YLT)
and by the grace of God I am what I am, and His grace that `is' towards me came not in vain, but more abundantly than they all did I labour, yet not I, but the grace of God that `is' with me;
| But | χάριτι | chariti | HA-ree-tee |
| by the grace | δὲ | de | thay |
| God of | θεοῦ | theou | thay-OO |
| I am | εἰμι | eimi | ee-mee |
| what | ὅ | ho | oh |
| I am: | εἰμι | eimi | ee-mee |
| and | καὶ | kai | kay |
| his | ἡ | hē | ay |
| χάρις | charis | HA-rees | |
| grace | αὐτοῦ | autou | af-TOO |
| which | ἡ | hē | ay |
| upon bestowed was | εἰς | eis | ees |
| me | ἐμὲ | eme | ay-MAY |
| was | οὐ | ou | oo |
| not | κενὴ | kenē | kay-NAY |
| vain; in | ἐγενήθη | egenēthē | ay-gay-NAY-thay |
| but | ἀλλὰ | alla | al-LA |
| I laboured | περισσότερον | perissoteron | pay-rees-SOH-tay-rone |
| abundantly more | αὐτῶν | autōn | af-TONE |
| than they | πάντων | pantōn | PAHN-tone |
| all: | ἐκοπίασα | ekopiasa | ay-koh-PEE-ah-sa |
| yet | οὐκ | ouk | ook |
| not | ἐγὼ | egō | ay-GOH |
| I, | δὲ | de | thay |
| but | ἀλλ' | all | al |
| the | ἡ | hē | ay |
| grace | χάρις | charis | HA-rees |
| of | τοῦ | tou | too |
| God | θεοῦ | theou | thay-OO |
| which was | ἡ | hē | ay |
| with | σὺν | syn | syoon |
| me. | ἐμοί | emoi | ay-MOO |
Cross Reference
2 Corinthians 3:5
यह नहीं, कि हम अपने आप से इस योग्य हैं, कि अपनी ओर से किसी बात का विचार कर सकें; पर हमारी योग्यता परमेश्वर की ओर से है।
Philippians 2:13
क्योंकि परमेश्वर ही है, जिस न अपनी सुइच्छा निमित्त तुम्हारे मन में इच्छा और काम, दोनों बातों के करने का प्रभाव डाला है।
Galatians 2:8
(क्योंकि जिस ने पतरस से खतना किए हुओं में प्रेरिताई का कार्य बड़े प्रभाव सहित करवाया, उसी ने मुझ से भी अन्यजातियों में प्रभावशाली कार्य करवाया)
Ephesians 3:7
और मैं परमेश्वर के अनुग्रह के उस दान के अनुसार, जो उसकी सामर्थ के प्रभाव के अनुसार मुझे दिया गया, उस सुसमाचार का सेवक बना।
Romans 12:3
क्योंकि मैं उस अनुग्रह के कारण जो मुझ को मिला है, तुम में से हर एक से कहता हूं, कि जैसा समझना चाहिए, उस से बढ़कर कोई भी अपने आप को न समझे पर जैसा परमेश्वर ने हर एक को परिमाण के अनुसार बांट दिया है, वैसा ही सुबुद्धि के साथ अपने को समझे।
2 Corinthians 10:12
क्योंकि हमें यह हियाव नहीं कि हम अपने आप को उन में से ऐसे कितनों के साथ गिनें, या उन से अपने को मिलाएं, जो अपनी प्रशंसा करते हैं, और अपने आप को आपस में नाप तौलकर एक दूसरे से मिलान करके मूर्ख ठहरते हैं।
2 Corinthians 12:11
मैं मूर्ख तो बना, परन्तु तुम ही ने मुझ से यह बरबस करवाया: तुम्हें तो मेरी प्रशंसा करनी चाहिए थी, क्योंकि यद्यपि मैं कुछ भी नहीं, तौभी उन बड़े से बड़े प्रेरितों से किसी बात में कम नहीं हूं।
Ephesians 2:7
कि वह अपनी उस कृपा से जो मसीह यीशु में हम पर है, आने वाले समयों में अपने अनुग्रह का असीम धन दिखाए।
2 Corinthians 6:1
और हम जो उसके सहकर्मी हैं यह भी समझाते हैं, कि परमेश्वर का अनुग्रह जो तुम पर हुआ, व्यर्थ न रहने दो।
1 Corinthians 15:2
उसी के द्वारा तुम्हारा उद्धार भी होता है, यदि उस सुसमाचार को जो मैं ने तुम्हें सुनाया था स्मरण रखते हो; नहीं तो तुम्हारा विश्वास करना व्यर्थ हुआ।
1 Corinthians 4:7
क्योंकि तुझ में और दूसरे में कौन भेद करता है? और तेरे पास क्या है जो तू ने (दूसरे से) नहीं पाया: और जब कि तु ने (दूसरे से) पाया है, तो ऐसा घमण्ड क्यों करता है, कि मानों नही पाया?
Matthew 10:20
क्योंकि बोलने वाले तुम नहीं हो परन्तु तुम्हारे पिता का आत्मा तुम में बोलता है।
Romans 11:1
इसलिये मैं कहता हूं, क्या परमेश्वर ने अपनी प्रजा को त्याग दिया? कदापि नहीं; मैं भी तो इस्त्राएली हूं: इब्राहीम के वंश और बिन्यामीन के गोत्र में से हूं।
Romans 11:5
सो इसी रीति से इस समय भी, अनुग्रह से चुने हुए कितने लोग बाकी हैं।
Romans 15:17
सो उन बातों के विषय में जो परमेश्वर से सम्बन्ध रखती हैं, मैं मसीह यीशु में बड़ाई कर सकता हूं।
1 Corinthians 3:6
मैं ने लगाया, अपुल्लोस ने सींचा, परन्तु परमेश्वर ने बढ़ाया।
1 Timothy 1:15
यह बात सच और हर प्रकार से मानने के योग्य है, कि मसीह यीशु पापियों का उद्धार करने के लिये जगत में आया, जिन में सब से बड़ा मैं हूं।
Colossians 1:28
जिस का प्रचार करके हम हर एक मनुष्य को जता देते हैं और सारे ज्ञान से हर एक मनुष्य को सिखाते हैं, कि हम हर एक व्यक्ति को मसीह में सिद्ध करके उपस्थित करें।
Philippians 4:13
जो मुझे सामर्थ देता है उस में मैं सब कुछ कर सकता हूं।
2 Corinthians 11:23
(मैं पागल की नाईं कहता हूं) मैं उन से बढ़कर हूं! अधिक परिश्रम करने में; बार बार कैद होने में; कोड़े खाने में; बार बार मृत्यु के जोखिमों में।