Proverbs 21:10 in Hindi

Hindi Hindi Bible Proverbs Proverbs 21 Proverbs 21:10

Proverbs 21:10
दुष्ट जन बुराई की लालसा जी से करता है, वह अपने पड़ोसी पर अनुग्रह की दृष्टि नही करता।

Proverbs 21:9Proverbs 21Proverbs 21:11

Proverbs 21:10 in Other Translations

King James Version (KJV)
The soul of the wicked desireth evil: his neighbour findeth no favour in his eyes.

American Standard Version (ASV)
The soul of the wicked desireth evil: His neighbor findeth no favor in his eyes.

Bible in Basic English (BBE)
The desire of the evil-doer is fixed on evil: he has no kind feeling for his neighbour.

Darby English Bible (DBY)
The soul of the wicked desireth evil: his neighbour findeth no favour in his eyes.

World English Bible (WEB)
The soul of the wicked desires evil; His neighbor finds no mercy in his eyes.

Young's Literal Translation (YLT)
The soul of the wicked hath desired evil, Not gracious in his eyes is his neighbour.

The
soul
נֶ֣פֶשׁnepešNEH-fesh
of
the
wicked
רָ֭שָׁעrāšoʿRA-shoh
desireth
אִוְּתָהʾiwwĕtâee-weh-TA
evil:
רָ֑עrāʿra
neighbour
his
לֹאlōʾloh
findeth
no
יֻחַ֖ןyuḥanyoo-HAHN
favour
בְּעֵינָ֣יוbĕʿênāywbeh-ay-NAV
in
his
eyes.
רֵעֵֽהוּ׃rēʿēhûray-ay-HOO

Cross Reference

Mark 7:21
क्योंकि भीतर से अर्थात मनुष्य के मन से, बुरी बुरी चिन्ता, व्यभिचार।

Micah 3:2
तुम तो भलाई से बैर, और बुराई से प्रीति रखते हो, मानो, तुम, लोगों पर से उनकी खाल, और उनकी हड्डियों पर से उनका मांस उधेड़ लेते हो;

Proverbs 3:29
जब तेरा पड़ोसी तेरे पास बेखटके रहता है, तब उसके विरूद्ध बुरी युक्ति न बान्धना।

1 John 2:16
क्योंकि जो कुछ संसार में है, अर्थात शरीर की अभिलाषा, और आंखों की अभिलाषा और जीविका का घमण्ड, वह पिता की ओर से नहीं, परन्तु संसार ही की ओर से है।

James 5:4
देखो, जिन मजदूरों ने तुम्हारे खेत काटे, उन की वह मजदूरी जो तुम ने धोखा देकर रख ली है चिल्ला रही है, और लवने वालों की दोहाई, सेनाओं के प्रभु के कानों तक पहुंच गई है।

James 4:1
तुम में लड़ाइयां और झगड़े कहां से आ गए? क्या उन सुख-विलासों से नहीं जो तुम्हारे अंगों में लड़ते-भिड़ते हैं?

James 2:13
क्योंकि जिस ने दया नहीं की, उसका न्याय बिना दया के होगा: दया न्याय पर जयवन्त होती है॥

1 Corinthians 10:6
ये बातें हमारे लिये दृष्टान्त ठहरी, कि जैसे उन्होंने लालच किया, वैसे हम बुरी वस्तुओं का लालच न करें।

Isaiah 32:6
क्योंकि मूढ़ तो मूढ़ता ही की बातें बोलता और मन में अनर्थ ही गढ़ता रहता है कि वह बिन भक्ति के काम करे और यहोवा के विरुद्ध झूठ कहे, भूखे को भूखा ही रहने दे और प्यासे का जल रोक रखे।

Proverbs 21:13
जो कंगाल की दोहाई पर कान न दे, वह आप पुकारेगा और उसकी सुनी न जाएगी।

Proverbs 12:12
दुष्ट जन बुरे लोगों के जाल की अभिलाषा करते हैं, परन्तु धर्मियों की जड़ हरी भरी रहती है।

Psalm 112:9
उसने उदारता से दरिद्रों को दान दिया, उसका धर्म सदा बना रहेगा और उसका सींग महिमा के साथ ऊंचा किया जाएगा।

Psalm 112:5
जो पुरूष अनुग्रह करता और उधार देता है, उसका कल्याण होता है, वह न्याय में अपने मुकद्दमें को जीतेगा।

Psalm 52:2
तेरी जीभ केवल दुष्टता गढ़ती है; सान धरे हुए अस्तुरे की नाईं वह छल का काम करती है।

Psalm 36:4
वह अपने बिछौने पर पड़े पड़े अनर्थ की कल्पना करता है; वह अपने कुमार्ग पर दृढ़ता से बना रहता है; बुराई से वह हाथ नहीं उठाता॥

1 Samuel 25:8
अपने जवानों से यह बात पूछ ले, और वे तुझ का बताएंगे। सो इन जवानों पर तेरे अनुग्रह की दृष्टि हो; हम तो आनन्द के समय में आए हैं, इसलिये जो कुछ तेरे हाथ लगे वह अपने दासों और अपने बेटे दाऊद को दे।