2 Samuel 3:5
छठवां यित्राम, जो ऐग्ला नाम दाऊद की स्त्री से उत्पन्न हुआ। हेब्रोन में दाऊद से थे ही सन्तान उत्पन्न हुए।
Cross Reference
2 शमूएल 23:3
इस्राएल के परमेश्वर ने कहा है, इस्राएल की चट्टान ने मुझ से बातें की है, कि मनुष्यों में प्रभुता करने वाला एक धमीं होगा, जो परमेश्वर का भय मानता हुआ प्रभुता करेगा,
अय्यूब 40:8
क्या तू मेरा न्याय भी व्यर्थ ठहराएगा? क्या तू आप निर्दोष ठहरने की मनसा से मुझ को दोषी ठहराएगा?
उत्पत्ति 18:25
इस प्रकार का काम करना तुझ से दूर रहे कि दुष्ट के संग धर्मी को भी मार डाले और धर्मी और दुष्ट दोनों की एक ही दशा हो। यह तुझ से दूर रहे: क्या सारी पृथ्वी का न्यायी न्याय न करे?
2 शमूएल 19:21
तब सरूयाह के पुत्र अबीशै ने कहा, शिमी ने जो यहोवा के अभिषिक्त को शाप दिया था, इस कारण क्या उसको वध करना न चाहिये?
अय्यूब 1:22
इन सब बातों में भी अय्यूब ने न तो पाप किया, और न परमेश्वर पर मूर्खता से दोष लगाया।
रोमियो 3:5
सो यदि हमारा अधर्म परमेश्वर की धामिर्कता ठहरा देता है, तो हम क्या कहें ?क्या यह कि परमेश्वर जो क्रोध करता है अन्यायी है? यह तो मैं मनुष्य की रीति पर कहता हूं।
रोमियो 9:14
सो हम क्या कहें क्या परमेश्वर के यहां अन्याय है? कदापि नहीं!
And the sixth, | וְהַשִּׁשִּׁ֣י | wĕhaššiššî | veh-ha-shee-SHEE |
Ithream, | יִתְרְעָ֔ם | yitrĕʿām | yeet-reh-AM |
by Eglah | לְעֶגְלָ֖ה | lĕʿeglâ | leh-eɡ-LA |
David's | אֵ֣שֶׁת | ʾēšet | A-shet |
wife. | דָּוִ֑ד | dāwid | da-VEED |
These | אֵ֛לֶּה | ʾēlle | A-leh |
were born | יֻלְּד֥וּ | yullĕdû | yoo-leh-DOO |
to David | לְדָוִ֖ד | lĕdāwid | leh-da-VEED |
in Hebron. | בְּחֶבְרֽוֹן׃ | bĕḥebrôn | beh-hev-RONE |
Cross Reference
2 शमूएल 23:3
इस्राएल के परमेश्वर ने कहा है, इस्राएल की चट्टान ने मुझ से बातें की है, कि मनुष्यों में प्रभुता करने वाला एक धमीं होगा, जो परमेश्वर का भय मानता हुआ प्रभुता करेगा,
अय्यूब 40:8
क्या तू मेरा न्याय भी व्यर्थ ठहराएगा? क्या तू आप निर्दोष ठहरने की मनसा से मुझ को दोषी ठहराएगा?
उत्पत्ति 18:25
इस प्रकार का काम करना तुझ से दूर रहे कि दुष्ट के संग धर्मी को भी मार डाले और धर्मी और दुष्ट दोनों की एक ही दशा हो। यह तुझ से दूर रहे: क्या सारी पृथ्वी का न्यायी न्याय न करे?
2 शमूएल 19:21
तब सरूयाह के पुत्र अबीशै ने कहा, शिमी ने जो यहोवा के अभिषिक्त को शाप दिया था, इस कारण क्या उसको वध करना न चाहिये?
अय्यूब 1:22
इन सब बातों में भी अय्यूब ने न तो पाप किया, और न परमेश्वर पर मूर्खता से दोष लगाया।
रोमियो 3:5
सो यदि हमारा अधर्म परमेश्वर की धामिर्कता ठहरा देता है, तो हम क्या कहें ?क्या यह कि परमेश्वर जो क्रोध करता है अन्यायी है? यह तो मैं मनुष्य की रीति पर कहता हूं।
रोमियो 9:14
सो हम क्या कहें क्या परमेश्वर के यहां अन्याय है? कदापि नहीं!