2 Kings 18:31
हिजकिय्याह की मत सुनो। अश्शूर का राजा कहता है कि भेंट भेज कर मुझे प्रसन्न करो और मेरे पास निकल आओ, और प्रत्येक अपनी अपनी दाखलता और अंजीर के वृक्ष के फल खाता और अपने अपने कुण्ड का पानी पीता रहे।
Hearken | אַֽל | ʾal | al |
not | תִּשְׁמְע֖וּ | tišmĕʿû | teesh-meh-OO |
to | אֶל | ʾel | el |
Hezekiah: | חִזְקִיָּ֑הוּ | ḥizqiyyāhû | heez-kee-YA-hoo |
for | כִּי֩ | kiy | kee |
thus | כֹ֨ה | kō | hoh |
saith | אָמַ֜ר | ʾāmar | ah-MAHR |
the king | מֶ֣לֶךְ | melek | MEH-lek |
of Assyria, | אַשּׁ֗וּר | ʾaššûr | AH-shoor |
Make | עֲשֽׂוּ | ʿăśû | uh-SOO |
with agreement an | אִתִּ֤י | ʾittî | ee-TEE |
me by a present, | בְרָכָה֙ | bĕrākāh | veh-ra-HA |
out come and | וּצְא֣וּ | ûṣĕʾû | oo-tseh-OO |
to | אֵלַ֔י | ʾēlay | ay-LAI |
eat then and me, | וְאִכְל֤וּ | wĕʾiklû | veh-eek-LOO |
ye every man | אִישׁ | ʾîš | eesh |
vine, own his of | גַּפְנוֹ֙ | gapnô | ɡahf-NOH |
and every one | וְאִ֣ישׁ | wĕʾîš | veh-EESH |
tree, fig his of | תְּאֵֽנָת֔וֹ | tĕʾēnātô | teh-ay-na-TOH |
and drink | וּשְׁת֖וּ | ûšĕtû | oo-sheh-TOO |
one every ye | אִ֥ישׁ | ʾîš | eesh |
the waters | מֵֽי | mê | may |
of his cistern: | בֹרֽוֹ׃ | bōrô | voh-ROH |