2 Corinthians 1:9
वरन हम ने अपने मन में समझ लिया था, कि हम पर मृत्यु की आज्ञा हो चुकी है कि हम अपना भरोसा न रखें, वरन परमेश्वर का जो मरे हुओं को जिलाता है।
2 Corinthians 1:9 in Other Translations
King James Version (KJV)
But we had the sentence of death in ourselves, that we should not trust in ourselves, but in God which raiseth the dead:
American Standard Version (ASV)
yea, we ourselves have had the sentence of death within ourselves, that we should not trust in ourselves, but in God who raiseth the dead:
Bible in Basic English (BBE)
Yes, we ourselves have had the answer of death in ourselves, so that our hope might not be in ourselves, but in God who is able to give life to the dead:
Darby English Bible (DBY)
But we ourselves had the sentence of death in ourselves, that we should not have our trust in ourselves, but in God who raises the dead;
World English Bible (WEB)
Yes, we ourselves have had the sentence of death within ourselves, that we should not trust in ourselves, but in God who raises the dead,
Young's Literal Translation (YLT)
but we ourselves in ourselves the sentence of the death have had, that we may not be trusting on ourselves, but on God, who is raising the dead,
| But | ἀλλὰ | alla | al-LA |
| we | αὐτοὶ | autoi | af-TOO |
| had | ἐν | en | ane |
| the | ἑαυτοῖς | heautois | ay-af-TOOS |
| sentence | τὸ | to | toh |
of | ἀπόκριμα | apokrima | ah-POH-kree-ma |
| death | τοῦ | tou | too |
| in | θανάτου | thanatou | tha-NA-too |
| ourselves, | ἐσχήκαμεν | eschēkamen | ay-SKAY-ka-mane |
| that | ἵνα | hina | EE-na |
| should we | μὴ | mē | may |
| not | πεποιθότες | pepoithotes | pay-poo-THOH-tase |
| trust | ὦμεν | ōmen | OH-mane |
| in | ἐφ' | eph | afe |
| ourselves, | ἑαυτοῖς | heautois | ay-af-TOOS |
| but | ἀλλ' | all | al |
| in | ἐπὶ | epi | ay-PEE |
| God | τῷ | tō | toh |
| which | θεῷ | theō | thay-OH |
| raiseth | τῷ | tō | toh |
| the | ἐγείροντι | egeironti | ay-GEE-rone-tee |
| dead: | τοὺς | tous | toos |
| νεκρούς· | nekrous | nay-KROOS |
Cross Reference
2 Corinthians 3:5
यह नहीं, कि हम अपने आप से इस योग्य हैं, कि अपनी ओर से किसी बात का विचार कर सकें; पर हमारी योग्यता परमेश्वर की ओर से है।
Romans 4:17
जैसा लिखा है, कि मैं ने तुझे बहुत सी जातियों का पिता ठहराया है उस परमेश्वर के साम्हने जिस पर उस ने विश्वास किया और जो मरे हुओं को जिलाता है, और जो बातें हैं ही नहीं, उन का नाम ऐसा लेता है, कि मानो वे हैं।
2 Corinthians 12:7
और इसलिये कि मैं प्रकाशों की बहुतायत से फूल न जाऊं, मेरे शरीर में एक कांटा चुभाया गया अर्थात शैतान का एक दूत कि मुझे घूँसे मारे ताकि मैं फूल न जाऊं।
2 Corinthians 4:7
परन्तु हमारे पास यह धन मिट्ठी के बरतनों में रखा है, कि यह असीम सामर्थ हमारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर ही की ओर से ठहरे।
Luke 18:9
और उस ने कितनो से जो अपने ऊपर भरोसा रखते थे, कि हम धर्मी हैं, और औरों को तुच्छ जानते थे, यह दृष्टान्त कहा।
Proverbs 28:26
जो अपने ऊपर भरोसा रखता है, वह मूर्ख है; और जो बुद्धि से चलता है, वह बचता है।
Psalm 44:5
तेरे सहारे से हम अपने द्रोहियों को ढकेलकर गिरा देंगे; तेरे नाम के प्रताप से हम अपने विरोधियों को रौंदेंगे।
Hebrews 11:19
क्योंकि उस ने विचार किया, कि परमेश्वर सामर्थी है, कि मरे हुओं में से जिलाए, सो उन्हीं में से दृष्टान्त की रीति पर वह उसे फिर मिला।
Ezekiel 37:1
यहोवा की शक्ति मुझ पर हुई, और वह मुझ में अपना आत्मा समवाकर बाहर ले गया और मुझे तराई के बीच खड़ा कर दिया; वह तराई हड्डियों से भरी हुई थी।
Ezekiel 33:13
यदि मैं धमीं से कहूं कि तू निश्चय जीवित रहेगा, और वह अपने धर्म पर भरोसा कर के कुटिल काम करने लगे, तब उसके धर्म के कामों में से किसी का स्मरण न किया जाएगा; जो कुटिल काम उसने किए हों वह उन्ही में फंसा हुआ मरेगा।
Jeremiah 17:5
यहोवा यों कहता है, श्रापित है वह पुरुष जो मनुष्य पर भरोसा रखता है, और उसका सहारा लेता है, जिसका मन यहोवा से भटक जाता है।
Jeremiah 9:23
यहोवा यों कहता है, बुद्धिमान अपनी बुद्धि पर घमण्ड न करे, न वीर अपनी वीरता पर, न धनी अपने धन पर घमण्ड करे;
Psalm 22:29
पृथ्वी के सब हृष्टपुष्ट लोग भोजन करके दण्डवत करेंगे; वह सब जितने मिट्टी में मिल जाते हैं और अपना अपना प्राण नहीं बचा सकते, वे सब उसी के साम्हने घुटने टेकेंगे।
Job 40:14
तब मैं भी तेरे विषय में मान लूंगा, कि तेरा ही दहिना हाथ तेरा उद्धार कर सकता है।
2 Corinthians 4:13
और इसलिये कि हम में वही विश्वास की आत्मा है, (जिस के विषय मे लिखा है, कि मैं ने विश्वास किया, इसलिये मैं बोला) सो हम भी विश्वास करते हैं, इसी लिये बोलते हैं।