2 Chronicles 6:30
तो तू अपने स्वगींय निवासस्थान से सुन कर क्षमा करना, और एक एक के मन की जानकर उसकी चाल के अनुसार उसे फल देना; (तू ही तो आदमियों के मन का जानने वाला है);
Then hear | וְ֠אַתָּה | wĕʾattâ | VEH-ah-ta |
thou | תִּשְׁמַ֨ע | tišmaʿ | teesh-MA |
from | מִן | min | meen |
heaven | הַשָּׁמַ֜יִם | haššāmayim | ha-sha-MA-yeem |
thy dwelling | מְכ֤וֹן | mĕkôn | meh-HONE |
place, | שִׁבְתֶּ֙ךָ֙ | šibtekā | sheev-TEH-HA |
forgive, and | וְסָ֣לַחְתָּ֔ | wĕsālaḥtā | veh-SA-lahk-TA |
and render | וְנָֽתַתָּ֤ה | wĕnātattâ | veh-na-ta-TA |
man every unto | לָאִישׁ֙ | lāʾîš | la-EESH |
according unto all | כְּכָל | kĕkāl | keh-HAHL |
ways, his | דְּרָכָ֔יו | dĕrākāyw | deh-ra-HAV |
אֲשֶׁ֥ר | ʾăšer | uh-SHER | |
whose heart | תֵּדַ֖ע | tēdaʿ | tay-DA |
thou knowest; | אֶת | ʾet | et |
(for | לְבָב֑וֹ | lĕbābô | leh-va-VOH |
thou | כִּ֤י | kî | kee |
only | אַתָּה֙ | ʾattāh | ah-TA |
knowest | לְבַדְּךָ֣ | lĕbaddĕkā | leh-va-deh-HA |
יָדַ֔עְתָּ | yādaʿtā | ya-DA-ta | |
the hearts | אֶת | ʾet | et |
of the children | לְבַ֖ב | lĕbab | leh-VAHV |
of men:) | בְּנֵ֥י | bĕnê | beh-NAY |
הָֽאָדָֽם׃ | hāʾādām | HA-ah-DAHM |