2 Chronicles 31:1
जब यह सब हो चुका, तब जितने इस्राएली अपस्थित थे, उन सभों ने यहूदा के नगरों में जा कर, सारे यहूदा और बिन्यामीन और एप्रेम और मनश्शे में कि लाठों को तोड़ दिया, अशेरों को काट डाला, और ऊंचे स्थानों और वेदियों को गिरा दिया; और उन्होंने उन सब का अन्त कर दिया। तब सब इस्राएली अपने अपने नगर को लौट कर, अपनी अपनी निज भूमि में पहुंचे।
Now when all | וּכְכַלּ֣וֹת | ûkĕkallôt | oo-heh-HA-lote |
this | כָּל | kāl | kahl |
was finished, | זֹ֗את | zōt | zote |
all | יָֽצְא֨וּ | yāṣĕʾû | ya-tseh-OO |
Israel | כָּל | kāl | kahl |
present were that | יִשְׂרָאֵ֥ל | yiśrāʾēl | yees-ra-ALE |
went out | הַֽנִּמְצְאִים֮ | hannimṣĕʾîm | ha-neem-tseh-EEM |
to the cities | לְעָרֵ֣י | lĕʿārê | leh-ah-RAY |
of Judah, | יְהוּדָה֒ | yĕhûdāh | yeh-hoo-DA |
pieces, brake and | וַיְשַׁבְּר֣וּ | wayšabbĕrû | vai-sha-beh-ROO |
the images | הַמַּצֵּב֣וֹת | hammaṣṣēbôt | ha-ma-tsay-VOTE |
in and cut down | וַיְגַדְּע֣וּ | waygaddĕʿû | vai-ɡa-deh-OO |
groves, the | הָֽאֲשֵׁרִ֡ים | hāʾăšērîm | ha-uh-shay-REEM |
and threw down | וַיְנַתְּצ֣וּ | waynattĕṣû | vai-na-teh-TSOO |
אֶת | ʾet | et | |
the high places | הַ֠בָּמוֹת | habbāmôt | HA-ba-mote |
altars the and | וְאֶת | wĕʾet | veh-ET |
out of all | הַֽמִּזְבְּח֞וֹת | hammizbĕḥôt | ha-meez-beh-HOTE |
Judah | מִכָּל | mikkāl | mee-KAHL |
Benjamin, and | יְהוּדָ֧ה | yĕhûdâ | yeh-hoo-DA |
in Ephraim | וּבִנְיָמִ֛ן | ûbinyāmin | oo-veen-ya-MEEN |
Manasseh, and also | וּבְאֶפְרַ֥יִם | ûbĕʾeprayim | oo-veh-ef-RA-yeem |
until | וּמְנַשֶּׁ֖ה | ûmĕnašše | oo-meh-na-SHEH |
they had utterly destroyed | עַד | ʿad | ad |
all Then all. them | לְכַלֵּ֑ה | lĕkallē | leh-ha-LAY |
the children | וַיָּשׁ֜וּבוּ | wayyāšûbû | va-ya-SHOO-voo |
of Israel | כָּל | kāl | kahl |
returned, | בְּנֵ֧י | bĕnê | beh-NAY |
man every | יִשְׂרָאֵ֛ל | yiśrāʾēl | yees-ra-ALE |
to his possession, | אִ֥ישׁ | ʾîš | eesh |
into their own cities. | לַֽאֲחֻזָּת֖וֹ | laʾăḥuzzātô | la-uh-hoo-za-TOH |
לְעָֽרֵיהֶֽם׃ | lĕʿārêhem | leh-AH-ray-HEM |