1 Kings 20:7
तब इस्राएल के राजा ने अपने देश के सब पुरनियों को बुलवा कर कहा, सोच विचार करो, कि वह मनुष्य हमारी हानि ही का अभिलाषी है; उसने मुझ से मेरी स्त्रियां, बालक, चान्दी सोना मंगा भेजा है, और मैं ने इन्कार न किया।
Then the king | וַיִּקְרָ֤א | wayyiqrāʾ | va-yeek-RA |
of Israel | מֶֽלֶךְ | melek | MEH-lek |
called | יִשְׂרָאֵל֙ | yiśrāʾēl | yees-ra-ALE |
all | לְכָל | lĕkāl | leh-HAHL |
the elders | זִקְנֵ֣י | ziqnê | zeek-NAY |
of the land, | הָאָ֔רֶץ | hāʾāreṣ | ha-AH-rets |
said, and | וַיֹּ֙אמֶר֙ | wayyōʾmer | va-YOH-MER |
Mark, | דְּעוּ | dĕʿû | deh-OO |
I pray you, | נָ֣א | nāʾ | na |
see and | וּרְא֔וּ | ûrĕʾû | oo-reh-OO |
how | כִּ֥י | kî | kee |
this | רָעָ֖ה | rāʿâ | ra-AH |
man seeketh | זֶ֣ה | ze | zeh |
mischief: | מְבַקֵּ֑שׁ | mĕbaqqēš | meh-va-KAYSH |
for | כִּֽי | kî | kee |
he sent | שָׁלַ֨ח | šālaḥ | sha-LAHK |
unto | אֵלַ֜י | ʾēlay | ay-LAI |
wives, my for me | לְנָשַׁ֤י | lĕnāšay | leh-na-SHAI |
and for my children, | וּלְבָנַי֙ | ûlĕbānay | oo-leh-va-NA |
silver, my for and | וּלְכַסְפִּ֣י | ûlĕkaspî | oo-leh-hahs-PEE |
and for my gold; | וְלִזְהָבִ֔י | wĕlizhābî | veh-leez-ha-VEE |
denied I and | וְלֹ֥א | wĕlōʾ | veh-LOH |
מָנַ֖עְתִּי | mānaʿtî | ma-NA-tee | |
him not. | מִמֶּֽנּוּ׃ | mimmennû | mee-MEH-noo |